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, किसान भाइयों देश हित में भारत सरकार को काम करने दो विनती है आपसे अभी भी समय है , सच्चाई को पहिचानो और आंदोलन स्थगित करके अपने अपने घर लौट जाओ , हम आपको एक मनोवैज्ञानिक पराजय के विषय में बताते हैं : -वो 24 Dec1999 का दिन था काठमांडू से उड़ते ही IC814 फ्लाइट का आतंकियों ने अपहरण कर लिया......विमान में ज्यादातर भारतीय ही थे पर जापान, बेल्जियम, USA, ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देशों के नागरिक भी थे.....अपहर्ताओं ने 100 से ज्यादा आतंकियों की रिहाई और 40 करोड़ US डॉलर की मांग भारत सरकार के सामने रख शुरुआत की.....भारत की तरफ से उस समय आज के NSA अजित डोभाल ये मामला सम्हाल रहे थे....देश सन्न था।ड्रामा पूरे आठ दिनों चला अजित डोभाल को तत्कालीन प्रधानमंत्री माननीय अटल बिहारी बाजपेयी ने कार्यवाही और बातचीत के सभी अधिकार दे दिए........सभी अन्य देश जिनके नागरिक विमान में थे वो अटल के आतंकियों के आगे न झुकने के निर्णय के साथ खड़े थे....!उधर इज़राइल ने अपने इस तरह के मामलों से निपटने के विशेषज्ञ की सेवाएं भी हमें उपलब्ध करवा दीं और अजीत ने पैरा कमांडो की तीन टीमों को कंधार में कार्यवाही का जिम्मा सौंपा.....सभी चीज़ें नियंत्रण में आने लगीं....आतंकियों में भी घबराहट फैली हुई थी और उन्होंने अपनी मांग सिर्फ तीन आतंकियों की रिहाई तक सीमित कर दी........!पर तभी आतंकवादियों को एक जबरदस्त समर्थक मिल गया जो तालिबान नहीं बल्कि उस समय की मुख्य विपक्षी पार्टी..... कांग्रेस थी.....!कांग्रेस ने पहले विपक्ष को भरोसे में न लेने की बेतुकी मांग के साथ उधम शुरू किया.....जिसपर अटल जी ने सभी दलों की मीटिंग बुला उन्हें विकल्पों की जानकारी दी।इसकी अगली सुबह ही विपक्ष के नेता भारत भर से IC814 के भारतीय यात्रियों के रिश्तेदारों को ढूँढ़ ढूंढ के दिल्ली ले आये और उन्हें समझाया के अटल सरकार सैन्य कार्यवाही करने जा रही है जिसमें उनके रिश्तेदारों की जान जाना तय है....संसद को इन रिश्तेदारों और उनकी आड़ में विपक्षी पार्टियो ने घेर लिया और सैन्य कार्यवाही न करने तथा आतंकियों की बात मान लेने का दवाव बनाने को आन्दोलन चालू हो गया.....और चंद घंटों में मीडिया और मोमबत्ती गैंग भी सक्रिय हो गए सभी बड़े शहरों में ड्रामा जोरों पर था....और मीडिया दुनिया भर में इस तरह के मामलों में मरे यात्रियों की कहानियां दिखा कर भय को सातवे आसमान पर ले गया......!अपृहीत के रौंदले रिश्तेदारों को बार बार टी वि पर छाती कुटते दिखाकर कमजोर आत्मबल वाले भारतीयो की संवेदना के साथ खिलवाड़ किया सिर्फ 24 घंटे में पूरे हिंदुस्तान में एक सुर में एक ही मांग हो रही थी जब नेताओं(रुबैका_सईद) के लिए आतंकी छोड़े जा सकते है तो आम आदमी के लिए क्यों नहीं....भारत में भारत सरकार की आतंकियों के विरुद्ध सैन्य कार्यवाही का विरोध हो रहा था वो भी जबरदस्त वाला.....!ये सारी खबरें न्यूज़ चैनल दिखा रहे थे जिससे आतंकियों को भी खतरे की भनक लग गयी और तालिबान के एक हज़ार हथियारबंदआ लड़कों, टैंक, एन्टी एयरक्राफ्ट गन से कंधार एयरपोर्ट घेर लिया, विमान के चारों तरफ RDX लगा दिया गया......और सैन्य कार्यवाही होने पर विमान को नष्ट करने की पूरी तैयारी कर ली गयी....!भारत सरकार जो सात दिन से आतंकियों को दवाब में ले रही थी....कुछ लोगो के दोगले रवैये के कारण घुटनों पर आ गयी......31Dec1999 तीन आतंकी रिहा कर दिए गए!देश आज उसी जगह पर फिर आ खड़ा है किसान के नाम पर किये जा रहे इस आन्दोलन के नेपथ्य मे सूत्रधार है चीन ,पकिस्तान,तुर्की और रंगमंच पर उनके मौहरे है कांग्रेसी +जेहादी+वामपंथी+आपिये+खालीस्तानी+देश विरोधी मीडिया इनके साथ खड़े है अति सवेदंन शील हमारे भोले भाले निरीह बन्धु बांधव। किसान ,गरीब,दलित शब्द सुनते ही जिनकी आंखो मे आसूँ ,जुबां पर सिसकियां ओर छाती मे दुध उतर आता है। आन्दोलन मे जिन्हे ये किसान समझ रहे है वास्तव मे उसमे कुछ अंग्रेज काल के जमींदारो का आधुनिक संस्करण है,कुछ जेहादी ,कुछ खालीस्तानी ,कुछ पाकिस्तानी समर्थक है, कुछ स्वार्थी निर्लज्झ आपिये,वामपंथी ओर कांग्रेसी भतृक कार्यकर्ता है।इनका मक्सद किसान समस्या का समाधान कतई नही अपितु तीनो बिल निरस्त कराना है तथा तत्पश्चात धारा 370 आर्टिकल 35 A की पुन: स्थापना, CAA कानून का निरस्तीकरण।सरकार को पंगु बना देना है की वे अपने शेष कार्यकाल मे भी कोई फ़ैसले नही ले सके, कोई कार्य नही कर सके। आने वाली सरकारो को भी इसी प्रकार विपक्ष कार्य नही करने देगा।सरकार कड़ाई से पेश आती है तो टकराव होगा ,विघटनकारी तो यही चाहते है दंगा फसाद जान माल की हानि । उनका मक्सद है खलिस्तान और पूर्वांचल मे चिकन नेक पर कब्ज़ा कर चीन को आमंत्रण।देश मे शेरों का एक वर्ग है जो शैशवास्था से ही सियारो की संगत और पालन पोषण मे अपना अस्तित्व ही भुल गया है सियारो के साथ ही समवेत हुँवा हुँवा करता है और उनकी ही तरह झूठन,सड़े गले भोजन को ही प्रसाद रूप मे अहोभाग्य समझता है।ये शेर अपने अस्तित्व को पहचाने । आपके विरुद्ध होने वाली सजिशो मे आपको ही इंधन बनाया जा रहा है यह समझे ओर इन विघटन कर्ताओ का जम कर विरोध करे, अपनी सरकार को मजबुत न सही पर कमजोर न करे। किसान भाइयों भारत सरकार को देश हित में काम करने दो- भारतवर्ष की एक नई पहचान बनने दो जिओ और जीने दो बहकावे में ना आओ! By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब🙏धन्यवाद🙏 वन्देमातरम🙏🚩🇮🇳🇮🇳🇮🇳🚩🙏

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baluwana news punjab update,*,Shri Guru Granth Sahib has been ruined in the marriage of Punjab Chief Minister Bhagwant Mann. Sri Guru Granth outside his official residence at the time of marriage ceremony

बलुवाना न्यूज पंजाब अपडेट,*  ********************* *पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की शादी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेदअबी हुई है। शादी समारोह के समय उनके सरकारी निवास के बाहर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की गाड़ी को रोका जाता है और उसकी चेकिंग की जाती है। इससे गुरुओं की मान-मर्यादा को ठेस पहुंची है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इसकी लिखित शिकायत श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से भी की है। उन्होंने सीएम भगवंत मान और अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।*

#बेटी - बेची जा रही हैएक फटे #दुपट्टे में, वो सिमटती जा रही है।फैशन नहीं है साहेब, बेबसी छुपा रही है।मालूम है उसे,क्या है उसके #इज़्ज़त की कीमत,पैसों की झंकार की ख़ातिर, बेची जा रही है।#बाल_वनिता_महिला_आश्रम_संस्था संगरिया की #अध्यक्ष #वनिता #कासनियां #पंजाबसिसकियाँ लबों पर, खौफ़ है उसकी #आँखों में,न जाने किस वहशत के आगे,उतारी जा रही है।तलाश रही है निगाहें, एक #उम्मीद की तरफ,ये कैसी मौत है, ज़िंदा लाश सजाई जा रही है।मुक़द्दर की लकीरों ने, खींची है ग़रीबी जब से,हर #दौलतवालों की, रखैल बताई जा रही है।तमाशा बन जायेगा एक दिन, ज़रा मरने तो दो,हर दिन अख़बार में, यही सुर्खियाँ आ रही है।ऐ शीशे के #महलवालों, परदे ज़रा ढ़क लिया करो,आईने में, एक #तस्वीर तुम्हारी भी नज़र आ रही है।#बाल_वनिता_महिला_आश्रम #संगरिया की #टीम#बे_सहारा #दिलों की #धड़कन #गरीबों के #मसीहा #किसानों के #किसान 72 #कोम को #साथ में लेकर चलने वाले #सच्चे और #ईमानदार हर #इंसान की #हेल्प करने वाले #बाल #वनिता #महिला #आश्रम की #संस्था#Vnita🙏🙏🎉#विधायक #मोदीराज #बीजेपी #कांग्रेस #गुरदीप #सिंह #सहयोग#गुरदीप #किसान#कांग्रेस #वनिता

#बेटी - बेची जा रही है एक फटे #दुपट्टे में, वो सिमटती जा रही है। फैशन नहीं है साहेब, बेबसी छुपा रही है। मालूम है उसे,क्या है उसके #इज़्ज़त की कीमत, पैसों की झंकार की ख़ातिर, बेची जा रही है। #बाल_वनिता_महिला_आश्रम_संस्था संगरिया की #अध्यक्ष #वनिता #कासनियां #पंजाब सिसकियाँ लबों पर, खौफ़ है उसकी #आँखों में, न जाने किस वहशत के आगे,उतारी जा रही है। तलाश रही है निगाहें, एक #उम्मीद की तरफ, ये कैसी मौत है, ज़िंदा लाश सजाई जा रही है। मुक़द्दर की लकीरों ने, खींची है ग़रीबी जब से, हर #दौलतवालों की, रखैल बताई जा रही है। तमाशा बन जायेगा एक दिन, ज़रा मरने तो दो, हर दिन अख़बार में, यही सुर्खियाँ आ रही है। ऐ शीशे के #महलवालों, परदे ज़रा ढ़क लिया करो, आईने में, एक #तस्वीर तुम्हारी भी नज़र आ रही है। #बाल_वनिता_महिला_आश्रम  #संगरिया  की #टीम #बे_सहारा #दिलों की #धड़कन #गरीबों के #मसीहा #किसानों के #किसान 72 #कोम को #साथ में लेकर चलने वाले #सच्चे और #ईमानदार हर #इंसान की #हेल्प करने वाले #बाल #वनिता #महिला #आश्रम की #संस्था #Vnita🙏🙏🎉 #विधायक  #मोदीराज  #बीजेपी  #कांग्रेस  #गुरदीप #सिंह  #सहयोग #गुरदीप  #किसान #का

भारत के प्रधानमंत्री और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब// 🌹🌹🙏🙏🌹🌹🇮🇳✍️बाल वनिता महिला आश्रम,

नरेन्द्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब//          🌹🌹🙏🙏🌹🌹🇮🇳✍️ किसी अन्य भाषा में पढ़ें ध्यान रखें संपादित करें नरेन्द्र दामोदरदास मोदी [a]  ( उच्चारण   सहायता · सूचना ,  गुजराती :  નરેંદ્ર દામોદરદાસ મોદી ;  जन्म : 17 सितम्बर 1950) 26 मई 2014 से अब तक लगातार दूसरी बार वे  भारत  के  प्रधानमन्त्री  बने हैं तथा  वाराणसी  से लोकसभा सांसद भी चुने गये हैं। [2] [3]  वे भारत के प्रधानमन्त्री पद पर आसीन होने वाले स्वतंत्र भारत में जन्मे प्रथम व्यक्ति हैं। इससे पहले वे 7 अक्तूबर 2001 से 22 मई 2014 तक  गुजरात  के  मुख्यमंत्री रह चुके हैं। मोदी  भारतीय जनता पार्टी  (भाजपा) एवं  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  (आरएसएस) के सदस्य हैं। [4] नरेन्द्र मोदी भारत के 15वें प्रधानमन्त्री पदस्थ कार्यालय ग्रहण  26 मई 2014 राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राम नाथ कोविन्द पूर्वा धिकारी मनमोहन सिंह सांसद, लोकसभा पदस्थ कार्यालय ग्रहण  16 मई 2014 पूर्वा धिकारी मुरली मनोहर जोशी चुनाव-क्षेत्र वाराणसी गुजरात के १४वें मुख्यमन्त्री पद बहाल 7 अक्टूबर 2001 – 22 मई 2014 रा