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पेशाब में झाग आने के 7 कारण, लक्षणBy समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबक्या आपके पेशाब (यूरिन) में झाग आता है ? आपने देखा होगा कि कभी-कभी झागदार पेशाब (Foamy Urine) होने लगती है. पेशाब में झाग या बुलबुले आने के कारण सामान्य या किसी बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं। अगर आपको कभी-कभार पेशाब में झाग (Foam in Urine) दिखता है तो बहुत टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं है। ज्यादातर ये शरीर में पानी की कमी (Dehydration) की वजह से होता है। लेकिन अगर पेशाब में बुलबुले बनना लगातार कई दिनों तक हो रहा है तो ये किसी रोग की वजह से हो सकता है। पेशाब में झाग आने के 7 कारण और लक्षण – Causes of Foamy urine in hindi कई बार पेशाब में झाग बनने के सामान्य कारण होते हैं। ये कारण कोई रोग नहीं है और अपने आप ठीक भी हो जाते हैं। लेकिन कुछ ऐसी बीमारियाँ होती हैं जिसकी वजह से पेशाब में फ़ोम बनने लगता है। आगे हम दोनों तरह के लक्षणों के बारे में जानेंगे। 1) तेजी से पेशाब करना –कई बार बहुत प्रेशर से या तेजी से पेशाब करने से टॉयलेट में झाग बन जाता है। यह झाग तुरंत ही खत्म हो जाता है, ये कोई चिंता की बात नहीं है। कभी-कभी टॉयलेट की सफाई में प्रयोग हुआ लिक्विड (Cleaning chemical) पड़ा रह जाता है जोकि पेशाब करने पर झाग सा बना देता है। यह झाग फ्लश करने के बाद खत्म हो जाता है।2) गर्भावस्था (Pregnancy) –गर्भावस्था में किसी-किसी महिला की किडनी बढ़ जाती है जिससे Urine में बुलबुले आने लगते हैं. गर्भावस्था में महिलाओं की किडनियों को अधिक मात्रा में अमीनो एसिड फिल्टर करने पड़ते हैं. जब Amino Acid की मात्रा रीनल ट्यूब्यूल्स की क्षमता से अधिक हो जाती है तो वे पेशाब के रास्ते बाहर आ जाते हैं और पेशाब में Foam दिखने लगता है.3) हल्का डिहाईड्रेशन (Dehydration) –डिहाईड्रेशन यानि बॉडी में पानी कम होने से भी पेशाब में झाग उठने लगता है. शरीर में पानी की कमी हो जाने से पेशाब गाढ़ा और बुलबुलेदार हो जाता है.Diabetes के मरीज में Dehydration का रिस्क अधिक होता है इसलिए उन्हें सामान्य लोगों की तुलना में पेशाब में झाग अधिक दिख सकता है. इसके लिए हर 2-3 घंटे में पानी पियें, प्यासे न रहें। जब शरीर में पानी की कमी दूर हो जाएगी तो यह दिक्कत ठीक हो जाती है। रोग के कारण पेशाब में झाग आना – Bubbles in urine causes in hindi अब हम कुछ ऐसी कन्डिशन के बारे में जानेंगे जिसमें अगर पेशाब में बुलबुले या झाग बनते हैं तो आपको लापरवाही नहीं करनी चाहिए। 4) किडनी रोग की वजह से –मूत्र में लगातार झाग बनना किडनी की किसी खराबी या बीमारी का लक्षण भी हो सकता है इसलिए डॉक्टर को सभी लक्षण जल्द बता देने चाहिए.Peshab mein jhag ka aana5) पेशाब में प्रोटीन आना (Proteinuria) –इस बीमारी में भी पेशाब में झाग बनने लगता है। पेशाब में Albumin जैसे प्रोटीन निकलने से यह प्रोटीन हवा से रिएक्शन करके मूत्र में झाग बना देता है। अगर पेशाब में लगातार झाग आने के साथ ही ये लक्षण भी दिख रहे हो तो तुरंत Doctor से सलाह लें :- हाथ, पैर, पेट और चेहरे में सूजन आना थकान लगना भूख न लगना जी मिचलाना, उलटी आना सोने में दिक्कत होना गाढ़ा या धुंधला रंग का पेशाब होना आमतौर पर जब खून किडनियों से होकर गुज़रता है तो स्वस्थ किडनियां सभी प्रकार के Waste product को बॉडी से बाहर कर देती हैं और केवल उसी प्रोडक्ट को खून में रहने देती हैं जो शरीर के लिए ज़रूरी हैं.लेकिन किडनी की बीमारी के शिकार लोगों में किडनी का एक भाग ग्लोमेरूलाई (Glomeruli) काम करना बंद कर देता है जिससे पेशाब में प्रोटीन का आना बढ़ जाता है.प्रोटीन की वजह से मूत्र में झाग आने का इलाज – इस अवस्था में उस आदमी को भोजन से प्रोटीन की खुराक लेना तत्काल बंद कर देना चाहिए और पेशाब में प्रोटीन के होने का इलाज डॉक्टर (Urologist) से करवाना चाहिए.इसके अलावा जब स्वस्थ शरीर को बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन की खुराक मिलती है तो वह उसे पेशाब के रास्ते बाहर निकालने लगता है. किडनियों को यह काम करने में बहुत समस्या हो सकती है और पेशाब में झाग दिखने का यह भी असामान्य लक्षण है.बहुत ज्यादा मछली या प्रोटीन युक्त भोजन लेने से भी शरीर में प्रोटीन की मात्रा बढ़ सकती है. प्रोटीन ड्रिंक्स और बॉडी बिल्डिंग के लिए पिए जानेवाले ड्रिंक्स में प्रोटीन की बहुत अधिक मात्रा होती है. 6) पेशाब के रास्ते में इन्फेक्शन (Urinary Tract Infections) –Urine Infection के कारण भी यूरिन में झाग दिखता है. मूत्र मार्ग के इन्फेक्शन में व्यक्ति को पेशाब करते समय दर्द या जलन भी हो सकती है.इस दशा में इन्फेक्शन के बैक्टीरिया पेशाब के मार्ग में गैस रिलीज़ करते हैं जिससे बुलबुले उठने लगते हैं. पेशाब की जांच के बाद यूरीन इन्फेक्शन के लिए Antibiotic दवाएं लेने पर इस रोग का इलाज हो जाता है.7) वेसीकोकोलिक फिश्चुला (Vesicocolic Fistula) –फिश्चुला एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है जिसमें दो अंगों के बीच किसी गड़बड़ी के कारण खून की नसों का कनेक्शन बन जाता है. यूरीन के ब्लैडर और आंत के बीच बने कनेक्शन को वेसीकोकोलिक फिश्चुला कहते हैं.यह रोग पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा 3 गुना अधिक देखने में आती है. इसके कारण से पेशाब में झाग आने की समस्या का पता Doctor जांच के द्वारा कर सकते हैं.बाल वनिता महिला आश्रमइस जानकारी को Whatsapp, Facebook पर अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें जिससे वो भी इसे पढ़ सकें. किडनी का काम है ? किडनी खराब करने वाली ये 10 आदतें छोड़ देंहमारे बॉडी में लिवर इतना जरूरी क्यों है ?पानी कम पीने से होने वाली 13 बीमारियाँ जरूर जानेसर्जरी से पहले रोगी को खाने-पीने से मना क्यों करते हैंतांबे के बर्तन से पानी पीने के जबर्दस्त 21 फायदेज्यादा नमक खाने से बॉडी को क्या नुकसान होता है

पेशाब में झाग आने के 7 कारण, लक्षण

क्या आपके पेशाब (यूरिन) में झाग आता है ? आपने देखा होगा कि कभी-कभी झागदार पेशाब (Foamy Urine) होने लगती है. पेशाब में झाग या बुलबुले आने के कारण सामान्य या किसी बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं। अगर आपको कभी-कभार पेशाब में झाग (Foam in Urine) दिखता है तो बहुत टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं है। ज्यादातर ये शरीर में पानी की कमी (Dehydration) की वजह से होता है। लेकिन अगर पेशाब में बुलबुले बनना लगातार कई दिनों तक हो रहा है तो ये किसी रोग की वजह से हो सकता है। 

पेशाब में झाग आने के 7 कारण और लक्षण – Causes of Foamy urine in hindi 

कई बार पेशाब में झाग बनने के सामान्य कारण होते हैं। ये कारण कोई रोग नहीं है और अपने आप ठीक भी हो जाते हैं। लेकिन कुछ ऐसी बीमारियाँ होती हैं जिसकी वजह से पेशाब में फ़ोम बनने लगता है। आगे हम दोनों तरह के लक्षणों के बारे में जानेंगे। 

1) तेजी से पेशाब करना –

कई बार बहुत प्रेशर से या तेजी से पेशाब करने से टॉयलेट में झाग बन जाता है। यह झाग तुरंत ही खत्म हो जाता है, ये कोई चिंता की बात नहीं है। कभी-कभी टॉयलेट की सफाई में प्रयोग हुआ लिक्विड (Cleaning chemical) पड़ा रह जाता है जोकि पेशाब करने पर झाग सा बना देता है। यह झाग फ्लश करने के बाद खत्म हो जाता है।

2) गर्भावस्था (Pregnancy) –

गर्भावस्था में किसी-किसी महिला की किडनी बढ़ जाती है जिससे Urine में बुलबुले आने लगते हैं. गर्भावस्था में महिलाओं की किडनियों को अधिक मात्रा में अमीनो एसिड फिल्टर करने पड़ते हैं. जब Amino Acid की मात्रा रीनल ट्यूब्यूल्स की क्षमता से अधिक हो जाती है तो वे पेशाब के रास्ते बाहर आ जाते हैं और पेशाब में Foam दिखने लगता है.

3) हल्का डिहाईड्रेशन (Dehydration) –

डिहाईड्रेशन यानि बॉडी में पानी कम होने से भी पेशाब में झाग उठने लगता है. शरीर में पानी की कमी हो जाने से पेशाब गाढ़ा और बुलबुलेदार हो जाता है.

Diabetes के मरीज में Dehydration का रिस्क अधिक होता है इसलिए उन्हें सामान्य लोगों की तुलना में पेशाब में झाग अधिक दिख सकता है. इसके लिए हर 2-3 घंटे में पानी पियें, प्यासे न रहें। जब शरीर में पानी की कमी दूर हो जाएगी तो यह दिक्कत ठीक हो जाती है। 

रोग के कारण पेशाब में झाग आना – Bubbles in urine causes in hindi 

अब हम कुछ ऐसी कन्डिशन के बारे में जानेंगे जिसमें अगर पेशाब में बुलबुले या झाग बनते हैं तो आपको लापरवाही नहीं करनी चाहिए। 

4) किडनी रोग की वजह से –

मूत्र में लगातार झाग बनना किडनी की किसी खराबी या बीमारी का लक्षण भी हो सकता है इसलिए डॉक्टर को सभी लक्षण जल्द बता देने चाहिए.

Peshab mein jhag ka aana

5) पेशाब में प्रोटीन आना (Proteinuria

इस बीमारी में भी पेशाब में झाग बनने लगता है। पेशाब में Albumin जैसे प्रोटीन निकलने से यह प्रोटीन हवा से रिएक्शन करके मूत्र में झाग बना देता है। अगर पेशाब में लगातार झाग आने के साथ ही ये लक्षण भी दिख रहे हो तो तुरंत Doctor से सलाह लें :-  

  • हाथ, पैर, पेट और चेहरे में सूजन आना 
  • थकान लगना 
  • भूख न लगना 
  • जी मिचलाना, उलटी आना 
  • सोने में दिक्कत होना 
  • गाढ़ा या धुंधला रंग का पेशाब होना 

आमतौर पर जब खून किडनियों से होकर गुज़रता है तो स्वस्थ किडनियां सभी प्रकार के Waste product को बॉडी से बाहर कर देती हैं और केवल उसी प्रोडक्ट को खून में रहने देती हैं जो शरीर के लिए ज़रूरी हैं.

लेकिन किडनी की बीमारी के शिकार लोगों में किडनी का एक भाग ग्लोमेरूलाई (Glomeruli) काम करना बंद कर देता है जिससे पेशाब में प्रोटीन का आना बढ़ जाता है.

प्रोटीन की वजह से मूत्र में झाग आने का इलाज – 

इस अवस्था में उस आदमी को भोजन से प्रोटीन की खुराक लेना तत्काल बंद कर देना चाहिए और पेशाब में प्रोटीन के होने का इलाज डॉक्टर (Urologist) से करवाना चाहिए.

इसके अलावा जब स्वस्थ शरीर को बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन की खुराक मिलती है तो वह उसे पेशाब के रास्ते बाहर निकालने लगता है. किडनियों को यह काम करने में बहुत समस्या हो सकती है और पेशाब में झाग दिखने का यह भी असामान्य लक्षण है.

बहुत ज्यादा मछली या प्रोटीन युक्त भोजन लेने से भी शरीर में प्रोटीन की मात्रा बढ़ सकती है. प्रोटीन ड्रिंक्स और बॉडी बिल्डिंग के लिए पिए जानेवाले ड्रिंक्स में प्रोटीन की बहुत अधिक मात्रा होती है. 

6) पेशाब के रास्ते में इन्फेक्शन (Urinary Tract Infections) –

Urine Infection के कारण भी यूरिन में झाग दिखता है. मूत्र मार्ग के इन्फेक्शन में व्यक्ति को पेशाब करते समय दर्द या जलन भी हो सकती है.

इस दशा में इन्फेक्शन के बैक्टीरिया पेशाब के मार्ग में गैस रिलीज़ करते हैं जिससे बुलबुले उठने लगते हैं. पेशाब की जांच के बाद यूरीन इन्फेक्शन के लिए Antibiotic दवाएं लेने पर इस रोग का इलाज हो जाता है.

7) वेसीकोकोलिक फिश्चुला (Vesicocolic Fistula) –

फिश्चुला एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है जिसमें दो अंगों के बीच किसी गड़बड़ी के कारण खून की नसों का कनेक्शन बन जाता है. यूरीन के ब्लैडर और आंत के बीच बने कनेक्शन को वेसीकोकोलिक फिश्चुला कहते हैं.

यह रोग पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा 3 गुना अधिक देखने में आती है. इसके कारण से पेशाब में झाग आने की समस्या का पता Doctor जांच के द्वारा कर सकते हैं.

बाल वनिता महिला आश्रम

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वजन लगभग 300 किलो तक होता हैं.36फैंसी गेट डिजाईन फोटो37लकड़ी लुक का सुन्दर मुख्य गेट आप इस फोटो में देख सकते हैं.38वाहन की एंट्री और घर के सदस्यों के लिए अलग अलग दो गेट बनाए जा सकते हैं. इसका फायदा यह हैं की बार बार बड़ा वाला गेट को खोलने की जरुरत नहीं होती हैं.नए जमाने के गेट डिजाईन39लकड़ी का बना हुआ यह गेट आपको खूब पसंद आएगा. अगर मुख्य दरवाजे पर लकड़ी का गेट बनाया जाता हैं, तो यह ध्यान रखना चाहिए कि लकड़ी वाटर प्रूफ हो.लोहे की चादर और सिंपल डिजाईन से बना गेट आप इस घर के मेन गेट पर देख सकते हैं.41नए घर के गेट42लोहे की सिंपल डिजाईन का गेट आप इस घर के मुख्य गेट में देख सकते हैं.43मकान के टावर की डिजाइन – Staircase Tower Design photo simple Homeदुनिया का सबसे ऊंचा बड़ा बिल्डिंग टावर इमारत (duniya ki sabse unchi building)43घर के लिए एंट्रेंस गेट डिजाईन फोटो44यहाँ बताये गए डिजाईन आपको अगर पसंद आये हो तो हमने मकान टावर और घर के समें की डिजाईन की फोटो डिजाईन भी अपलोड की हैं. आप उनको भी देख सकते हैं.45घर का बाहरी डिजाइन फोटो & गांव के घर का डिजाइन – Village House Designघ बनाने का तरीका – Ghar 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