What interesting thing have you come to know today?By social worker Vanita Kasani PunjabJaisalmer, the largest district of Rajasthan, is situated on the Indo-Pak border. Problems of development and water supply rule here for years
राजस्थान का सबसे बड़ा जिला जैसलमेर जो भारत- पाक सरहद पर स्थित हैं। यहां के विकास व जलापूर्ति की समस्याएं सालों से राजनीतिक वादों में दबी हुई है। भौगोलिक परिदृश्य मानव जीवन के बहुत प्रतिकूल हैं जहां सर्दियों में तापमान 0 डिग्री सेल्सियस तक आ जाता है वहीं गर्मियों में धूल भरी आंधियों, लू आदि के चलते तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर चला जाता है।
थार के रेगिस्तान के इस समुद्र में अमेरिका की आर्किटेक्ट Diana Kellogg व माइकल सहित कुछ विदेशी मेहमान जैसलमेर घूमने के लिए आए। जब उन्हें यहां की संस्कृति ने प्रभावित किया तो उन्होंने जैसलमेर सहित नजदीकी जिलों की 400 लड़कियों के लिए निशुल्क शिक्षा का प्रबंध किया । सात - आठ वर्ष के पश्चात आज जैसलमेर के कनोई गांव में एक ऐसा विद्यालय बनकर तैयार हुआ है जो अपने आप में बहुत ही रोचक व पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। विद्यालय के अलावा इसके पास में महिला सशक्तिकरण व कौशल डेवलपमेंट जैसे भी कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे जाएंगे। हालांकि विद्यालय का संचालन 2020 से करना था लेकिन कोरोना महामारी के चलते थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा। रेत के तपते धोरों के बीच रेत के बवंडर आदि चुनौतियों के बावजूद विद्यालय संचालित करना अपने आप में बड़ी बात होती है। [1]
इस विद्यालय की बहुत विशेषताएं हैं-: संपूर्ण विद्यालय जैसलमेर के पीले पत्थर से निर्मित है तथा फर्श का निर्माण भी पीले ग्रेनाइट से करवाया गया है, विद्युत की आपूर्ति के लिए विद्यालय के ऊपर सोलर प्लेट लगाई गई है, विद्यालय को अंडाकार आकृति में बनाया गया है जो एक विशेष वास्तु कला का नमूना है-: जिससे संपूर्ण विद्यालय के अंदर छाया रहती हैं, 50 डिग्री सेल्सियस की गर्मी के बावजूद भी यह विद्यालय अंदर से ठंडा रहेगा इसके लिए अंदर की दीवारें विशेष चुनाव पत्थर से निर्मित करवाई गई है, विद्यालय के अंदर पर्याप्त मात्रा में प्रकाश के लिए बहुत सारे झरोखे व खिड़कियां हैं, बाहर से प्रकाश की व्यवस्था हो सकती हैं लेकिन खिड़कियां इस तरह की बनी हुई हैं जिसमें बाहर से धूल अंदर नहीं आ सकती हैं, विद्यालय के अंदर फर्नीचर की उत्तम अवस्था है तथा इसके अलावा सभी प्रकार की मूलभूत व्यवस्थाएं सम्मिलित हैं इस प्रकार अनेकों फैसिलिटी के साथ इस विद्यालय का संचालन किया जाएगा।
इस विद्यालय का नाम जैसलमेर की राजकुमारी के नाम पर रखा गया है जो THE RAJKUMAARI RATNAWATI GIRL'S SCHOOL हैं। जहां सरहदी जिले जैसलमेर में लड़कियों को पांचवी तक की शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित नहीं किया जाता था वही यह विद्यालय हर किसी के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गया है। बालिका शिक्षा के लिए एक नए युग की शुरुआत हो गई है ऐसा प्रतीत होता है।
चित्र स्रोत-: इंटरनेटhttp://vnitak.blogspot.com/2021/05/by-shakuni-mama-in-hindi-100-3-gandhari.html
विविध जानकारी-: : धन्यवाद…..
फुटनोट
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