Naturopathy also suggests that it is a part of naturopathy, with the help of which many diseases can be treated. By Vanitha Kasniya Punjab ? Although Ayurveda, Homeopathy and Unani
नेचुरोपैथी के नाम से भी पता चलता है कि यह प्राकृतिक चिकित्सा का हिस्सा है, जिसकी मदद से अनेक बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। By वनिता कासनियां पंजाब ? वैसे तो आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी जैसी ऐसी कई प्राचीन चिकित्सा प्रणालियां हैं, जिनका उपयोग वर्तमान में भी किया जा रहा है। लेकिन नेचुरोपैथी एक ऐसी प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है, जिसके सिद्धांत इन सभी चिकित्सा पद्धतियों से अलग हैं। पंच महाभूत तत्वों (मिट्टी, पानी, धूप, हवा व आकाश) पर आधारित इस चिकित्सा प्रणाली में विशेष बात यह है, कि इसे घर पर करना संभव है। हमारा शरीर और आत्मा ही इस चिकित्सा पद्धति का सबसे बड़ा इलाज और दवा है। नेचुरोपेथी के विशेषज्ञ मानते हैं, कि जिन बीमारियों का इलाज एलोपैथी में भी संभव नहीं हैं, इस चिकित्सा की मदद से उसे घर पर ही ठीक किया जा सकता है। हालांकि, हर व्यक्ति के शरीर की तासीर अलग होती है और ऐसा जरूरी नहीं है कि नेचुरोपैथी उसके शरीर पर प्रभावी रूप से काम कर पाए। इसलिए घर पर ही नेचुरोपैथी ट्रीटमेंट लेने से पहले डॉक्टर से बात करने की सलाह दी जाती है।
बड़ी-बड़ी बीमारियों का इलाज है संभव
नेचुरोपैथी एक प्राकृतिक चिकित्सा है और इसमें इलाज भी प्राकृतिक तरीकों से ही किया जाता है। जागरण की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार नेचुरोपैथी कई गंभीर बीमारियों का इलाज करने में भी सक्षम है, जिसमें प्रमुख रूप से अर्थराइटिस, डायबिटीज, फैटी लिवर, साइटिका और कुछ श्वसन रोग भी शामिल हैं। हालांकि, अगर आप अपनी किसी बीमारी का इलाज नेचुरोपैथी तरीकों से कराना चाहते हैं, तो पहले उस डॉक्टर से बात करें जिनसे आप पहले से ही दवाएं ले रहे हैं।
ऐसे किया जाता है इलाजनेचुरोपैथी में सभी बीमारियों का इलाज प्राकृतिक तरीके से ही किया जाता है और यह चिकित्सा (थेरेपी), आहार और गतिविधि का एक संयोजन होता है। नेचुरोपैथी के इलाज में की जाने वाली प्रमुख थेरेपी में कीचड़ स्नान (मड बाथ), सूर्य स्नान, पाद स्नान और मिट्टी की पट्टी शामिल हैं। वहीं आहार में दुग्धाहार, फलाहार, रसाहार और जलाहार शामिल है। गतिविधियों में सुबह की सैर, धीमी दौड़, एनीमा और कसरत आदि शामिल हैं।
घर पर इलाज संभव
नेचुरोपैथी के एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अगर बीमारी गंभीर नहीं है, तो उसका घर पर इलाज भी किया जा सकता है। लेकिन उसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, जैसे सबसे पहले आपको प्राकृतिक चिकित्सा का ज्ञान होना चाहिए, आपकी स्वास्थ्य स्थिति ज्यादा खराब नहीं होनी चाहिए। चिकित्सा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक की निगरानी में ही की जानी चाहिए।
यूनानी चिकित्सा से जुड़े हैं तार
अगर नेचुरोपैथी के इतिहास की बात करें तो इसके तार कहीं न कहीं यूनानी चिकित्सा से ही जुड़ें हैं। प्राचीन यूनानी चिकित्सकों को “फादर ऑफ नेचुरोपैथी” कहा जाता था। 19वीं सदी में यूरोप के कई हिस्सों में नेचुरोपैथी का प्रभाव देखा गया था। 18वीं सदी में भी कई देशों ने नेचुरोपैथी से प्रभावित होकर प्राकृतिक आहार व व्यायाम आदि को अपना लिया था और तंबाकू जैसी आदतें लोग छोड़ने लगे थे।
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