Sidhu Moose Wala's Antim Ardas: #सिद्धू #मूसेवाला (Sidhu Moose wala) की अचानक मौत से उनके फैंस अब तक दुखी हैं. लोगों का कहना है कि सिद्धू के जाने की भरपाई नहीं हो सकती. इसका एक नजारा आज उनके अंतिम भोग के दौरान देखने को मिला. #वनिता #कासनियां #पंजाब#अंतिम #अरदास में उमड़ी भीड़मूसेवाला की आत्मा की शांति के लिए आज उनके गांव में अंतिम अरदास और भोग का आयोजन किया गया. इस दौरान इतनी #भीड़ उमड़ी कि सड़कों पर लंबा जाम लग गया. सिद्धू मूसेवाला को चाहने वाले सिर्फ पंजाब में ही नहीं थे बल्कि पूरी दुनिया में उनकी फैन फॉलोइंग थी.पैदल चलकर पहुंचे सिद्धू के #फैंसकार्यक्रम की तस्वीरों को देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां भीड़ इतनी थी कि पैर रखने को भी जगह नहीं बची. इस बीच सड़क पर ट्रैफिक का बुरा हाल था, हर तरफ सिर्फ सिद्धू मूसेवाला के फैंस ही नजर आ रहे थे. सिद्धू मूसेवाला के चाहने वाले 10-10 #किलोमीटर दूर से पैदल चलकर अंतिम अरदास के लिए पहुंचे. हालात के मद्देनजर मनसा शहर पुलिस ने ट्रैफिक रूट डायवर्ट कर दिया था. वाहनों की लंबी-लंबी कतारे देखने को मिली. सिद्धू के #पिता ने अंतिम अरदास में कही ये बातगौरतलब है कि सिद्धू के पिता ने इस दौरान सिद्धू का पूरा सफर बयां किया. उन्होंने बताया कि 29 तारीख को मैंने कहा कि बेटा मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूं. उस वक्त मैं खेत से आया था. बेटे ने कहा कि आपके कपड़े सही नहीं हैं. आप नहा-धो लो. मैं पांच मिनट में जूस वगैरह पीकर आता हूं. पिता ने रोते हुए कहा कि मैं सारी जिदंगी साथ रहा लेकिन उसी दिन पीछे रह गया. मेरे पास पछतावा के सिवाय कुछ भी नहीं है. आज तक मुझे यह नहीं पता है कि मेरे बच्चे का कसूर क्या था? अगर मेरा बच्चा गलती करता तो समाज की रीति है कि उलाहना आता है. मेरे पास आज तक एक भी फोन कॉल नहीं आई.
Sidhu Moose Wala's Antim Ardas: #सिद्धू #मूसेवाला (Sidhu Moose wala) की अचानक मौत से उनके फैंस अब तक दुखी हैं. लोगों का कहना है कि सिद्धू के जाने की भरपाई नहीं हो सकती. इसका एक नजारा आज उनके अंतिम भोग के दौरान देखने को मिला.
#वनिता #कासनियां #पंजाब
#अंतिम #अरदास में उमड़ी भीड़
मूसेवाला की आत्मा की शांति के लिए आज उनके गांव में अंतिम अरदास और भोग का आयोजन किया गया. इस दौरान इतनी #भीड़ उमड़ी कि सड़कों पर लंबा जाम लग गया. सिद्धू मूसेवाला को चाहने वाले सिर्फ पंजाब में ही नहीं थे बल्कि पूरी दुनिया में उनकी फैन फॉलोइंग थी.
पैदल चलकर पहुंचे सिद्धू के #फैंस
कार्यक्रम की तस्वीरों को देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां भीड़ इतनी थी कि पैर रखने को भी जगह नहीं बची. इस बीच सड़क पर ट्रैफिक का बुरा हाल था, हर तरफ सिर्फ सिद्धू मूसेवाला के फैंस ही नजर आ रहे थे. सिद्धू मूसेवाला के चाहने वाले 10-10 #किलोमीटर दूर से पैदल चलकर अंतिम अरदास के लिए पहुंचे. हालात के मद्देनजर मनसा शहर पुलिस ने ट्रैफिक रूट डायवर्ट कर दिया था. वाहनों की लंबी-लंबी कतारे देखने को मिली.
सिद्धू के #पिता ने अंतिम अरदास में कही ये बातगौरतलब है कि सिद्धू के पिता ने इस दौरान सिद्धू का पूरा सफर बयां किया. उन्होंने बताया कि 29 तारीख को मैंने कहा कि बेटा मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूं. उस वक्त मैं खेत से आया था. बेटे ने कहा कि आपके कपड़े सही नहीं हैं. आप नहा-धो लो. मैं पांच मिनट में जूस वगैरह पीकर आता हूं. पिता ने रोते हुए कहा कि मैं सारी जिदंगी साथ रहा लेकिन उसी दिन पीछे रह गया. मेरे पास पछतावा के सिवाय कुछ भी नहीं है. आज तक मुझे यह नहीं पता है कि मेरे बच्चे का कसूर क्या था? अगर मेरा बच्चा गलती करता तो समाज की रीति है कि उलाहना आता है. मेरे पास आज तक एक भी फोन कॉल नहीं आई.
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