BJPआजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया. लाल किले से अपने संबोधन में पीएम ने कि अगले 25 साल देश के लिए काफी महत्वपूर्ण है. By वनिता कासनियां पंजाब पीएम ने कहा कि हमे अगले 25 साल पंच प्राण पर केंद्रित करना होगा. प्रधानमंत्री ने इस मौके पर पांच प्राण शक्तियां गिनाईं. पीएम ने कहा कि अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा, और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए. दूसरा प्राण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना.तीसरी प्राण शक्ति- हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए. चौथा प्राण है- एकता और एकजुटता और पांचवां प्राण है- नागरिकों का कर्तव्य, इसमें प्रधानमंत्री भी बाहर नहीं होता है, राष्ट्रपति भी बाहर नहीं है. प्रधान मंत्री के कहा कि हमें 'पंच प्रण' पर अपनी शक्ति, संकल्पों और सामर्थ्य को केंद्रित करना होगा.ये है PM मोदी के दिए पांच प्रण-अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए.दूसरा प्रण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना है.मोदी ने कहा कि हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए. एकता और एकजुटता के साथ हमें देशहित में काम करना चाहिए.चौथा प्रण एकता और एकजुटता है. एकता की ताकत है. देश के 130 करोड़ देशवासियों में एकता रहे. यह चौथा प्रण है.पांचवां प्रण में नागरिकों के कर्तव्य है जिनमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं.पीएम ने कहा कि चाहे वो आजादी की लड़ाई लड़ने वाले हों या राष्ट्र का निर्माण करने वाले-डॉ राजेंद्र प्रसाद, नेहरू जी, सरदार पटेल, एसपी मुखर्जी, एलबी शास्त्री, दीनदयाल उपाध्याय, जेपी नारायण, आरएम लोहिया, विनोबा भावे, नानाजी देशमुख, सुब्रमण्यम भारती-आज का दिन है. ऐसे महापुरुषों के आगे नतमस्तक.भारत न रुका, न झुका और आगे बढ़ता रहा: PM मोदीपीएम मोदी ने कहा कि इस मिट्टी में शक्ति है; तमाम चुनौतियों के बावजूद भारत न रुका, न झुका और आगे बढ़ता रहा. अपने संबोधन में पीएम ने कोरोना महामारी दौर को भी याद किया. पीएम ने कहा किकोरोना के कालखंड में दुनिया वैक्सीन लेने या न लेने की उलझन में जी रही थी. उस समय हमारे देश लोगों ने 200 करोड़ डोज लेकर दुनिया को चौंका देने वाला काम करके दिखाया. आजादी के इतने दशकों बाद पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है. विश्व, भारत की तरफ गर्व और अपेक्षा से देख रहा है. समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर, दुनिया खोजने लगी है.Vnita Kasnia Punjabभारत की धरती से जुड़ी हुई शिक्षा नीति बनी है: PMपीएम बोले कि जिस प्रकार से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनी है, जिस मंथन के साथ बनी है, कोटि-कोटि लोगों के विचार प्रवाह को संकलित करते हुए बनी है. भारत की धरती से जुड़ी हुई शिक्षा नीति बनी है. आज विश्व पर्यावरण की समस्या से जो जूझ रहा है. ग्लोबल वार्मिंग की समस्याओं के समाधान का रास्ता हमारे पास है. इसके लिए हमारे पास वो विरासत है, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है.
तीसरी प्राण शक्ति- हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए. चौथा प्राण है- एकता और एकजुटता और पांचवां प्राण है- नागरिकों का कर्तव्य, इसमें प्रधानमंत्री भी बाहर नहीं होता है, राष्ट्रपति भी बाहर नहीं है. प्रधान मंत्री के कहा कि हमें 'पंच प्रण' पर अपनी शक्ति, संकल्पों और सामर्थ्य को केंद्रित करना होगा.
ये है PM मोदी के दिए पांच प्रण-
- अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए.
- दूसरा प्रण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना है.
- मोदी ने कहा कि हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए. एकता और एकजुटता के साथ हमें देशहित में काम करना चाहिए.
- चौथा प्रण एकता और एकजुटता है. एकता की ताकत है. देश के 130 करोड़ देशवासियों में एकता रहे. यह चौथा प्रण है.
- पांचवां प्रण में नागरिकों के कर्तव्य है जिनमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं.
पीएम ने कहा कि चाहे वो आजादी की लड़ाई लड़ने वाले हों या राष्ट्र का निर्माण करने वाले-डॉ राजेंद्र प्रसाद, नेहरू जी, सरदार पटेल, एसपी मुखर्जी, एलबी शास्त्री, दीनदयाल उपाध्याय, जेपी नारायण, आरएम लोहिया, विनोबा भावे, नानाजी देशमुख, सुब्रमण्यम भारती-आज का दिन है. ऐसे महापुरुषों के आगे नतमस्तक.
भारत न रुका, न झुका और आगे बढ़ता रहा: PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि इस मिट्टी में शक्ति है; तमाम चुनौतियों के बावजूद भारत न रुका, न झुका और आगे बढ़ता रहा. अपने संबोधन में पीएम ने कोरोना महामारी दौर को भी याद किया. पीएम ने कहा किकोरोना के कालखंड में दुनिया वैक्सीन लेने या न लेने की उलझन में जी रही थी. उस समय हमारे देश लोगों ने 200 करोड़ डोज लेकर दुनिया को चौंका देने वाला काम करके दिखाया. आजादी के इतने दशकों बाद पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है. विश्व, भारत की तरफ गर्व और अपेक्षा से देख रहा है. समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर, दुनिया खोजने लगी है.
Vnita Kasnia Punjabभारत की धरती से जुड़ी हुई शिक्षा नीति बनी है: PM
पीएम बोले कि जिस प्रकार से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनी है, जिस मंथन के साथ बनी है, कोटि-कोटि लोगों के विचार प्रवाह को संकलित करते हुए बनी है. भारत की धरती से जुड़ी हुई शिक्षा नीति बनी है. आज विश्व पर्यावरण की समस्या से जो जूझ रहा है. ग्लोबल वार्मिंग की समस्याओं के समाधान का रास्ता हमारे पास है. इसके लिए हमारे पास वो विरासत है, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है.
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