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Showing posts from August, 2022

क्या मनीष सिसोदिया के घर में रेड पड़ना एक राजनीति है? By वनिता कासनियां पंजाब फॉलो कर रहे हैंराजनीति पर नजर बनी रहती है...25 मिनट ✍️ सवाल पर चर्चा से पहले कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को समझें।किसी समय लालू प्रसाद यादव की बिहार और केन्द्र में तूती बोलती थी।लालू ने एक बार गुजरात जाकर एक रैली में अपने अंदाज में नरेंद्र मोदी को ललकारा था और कहा था कि वो उनका वध करने आए हैं।पर इसके कुछ समय बाद लालू प्रसाद यादव जैसा घाग राजनेता बिहार की राजनीति में अपना रुतबा खो देता है।जिसका फायदा नीतीश कुमार को होता हैं। क्योंकि वो बीजेपी के साथ आ जाते हैं।नहीं तो नीतीश के सामने लालू बिहार में कहीं ज्यादा प्रभावशाली नेता थे।पर मोदी अंध विरोध में लालू ने अपनी प्रसंगता खो दी थी।गुजरात दंगों के बाद कांग्रेस की अगवानी में पूरे विपक्ष ने नरेंद्र मोदी को घेर लिया था।तो सोनिया गांधी ने उस समय, नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर कहा था।राहुल गांधी का विरोध भी कभी बीजेपी से नहीं, सीधा नरेंद्र मोदी से रहा है।पर आज कांग्रेस क्षेत्रीय पार्टियों से भी कमजोर हो चुकी है और सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी, खुद ईडी के चक्कर काट रहे हैं।भारतीय राजनीति में ऐसे और भी बहुत सारे उदाहरण मिल जाएंगे।सवाल पर लौटते हैं।क्या मनीष सिसोदिया के घर में रेड पड़ना एक राजनीति है?तो इसकी पुष्टभूमि में है, अग्निवीर योजना के समय किया गया हुड़दंग।जिसमे ट्रेनें और बसों को आग लगाई गई थी, जिसमे लोगों के साथ, विपक्ष के कार्यकर्ता और विपक्ष का समर्थन भी शामिल था।नहीं तो ऐसे अंतकवादियों जैसे कार्य कभी भी आम जनता नहीं करती।नूपुर विरोध, जिसमे भारत सरकार को विदेशी सरकारों के आगे झुकना पड़ा था।यहां भी बेसमझ विपक्ष, नूपुर के विरोध में था।मात्र एक बयान से देश का माहौल खराब करने और देश की संपति जलानेवालों का समर्थन करना, एक देश विरोधी कार्य होता है।पर सबसे ज्यादा जिम्मेदार है, किसान आंदोलन।जो शुरू तो हुआ, कृषि बिलों के विरोध में। पर बाद में राजनीतिक हो गया।वहीं किसान आंदोलन जिसके सामने एक चुनी हुई सरकार को ब्लैकमेल का शिकार होकर झुकना पड़ा था।कारण उस आंदोलन को आम आदमी पार्टी, लेफ्ट, अन्य विपक्ष, पाकिस्तान, कनाडा, यूएसए और ब्रिटेन के खालिस्तान समर्थक एनआरआई का कट्टर समर्थन प्राप्त था।26 जनवरी को खालिस्तानी झंडे लहराने के पीछे एक बड़ी साजिश हो सकती थी, जिस से दिल्ली में हिंदू सिखों को लड़वाना और माहौल खराब करना उद्देश्य हो सकता था।पर किसान आंदोलन को लीड करने वालों में कुछ ऐसे समझदार किसान नेता भी थे, जिन्होंने इस साजिश को पहले ही समझ लिया और शांति बनाए रखी और साजिश को सफल नहीं होने दिया।केंद्र ने इस सितिथी को बेहद समझदारी से संभाला और पुलिस को आक्रामक नहीं होने दिया था।अब जो जो लोग इन सारे कार्यों में साजिश में शामिल थे। अब उन सबको सरकार छोड़ने वाली नहीं है।अब जांच एजेंसियों का काम क्या होता है, भ्रष्टाचारियों और अपराधियों की धड़ पकड़।अब भारत में राजनीतिक पार्टियों में भ्रष्टाचार तो खूब पाया जाता है।अब उपर से लोक सभा चुनाव में भी ज्यादा समय नहीं है।तो मोदी सरकार 2024 में भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे को लेकर ही जनता में जाने वाली है।यह ऐसा मुद्दा है, जिनको गरीब और मध्य वर्ग का सबसे ज्यादा समर्थन मिलता है और चुनाव में वोटिंग भी यही करता है।अब आज दिल्ली का नंबर है तो आने वाले दिनों में महाराष्ट्र, यूपी, बिहार, बंगाल और अन्य राज्यों में भी अब यही होने वाला है।जो ईमानदार हुआ वो रेड के बाद भी बच जाएगा। नहीं तो सीबीआई और ईडी, अब किसी को भी छोड़ने वाली नहीं है।बहुत बहुत धन्यवाद। 🙏🙏चित्र स्रोत:गूगल इमेजेस के द्वारा आभार सहित।

क्या मनीष सिसोदिया के घर में रेड पड़ना एक राजनीति है? By वनिता कासनियां पंजाब   फॉलो कर रहे हैं राजनीति पर नजर बनी रहती है... 25 मिनट ✍️ सवाल पर चर्चा से पहले कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को समझें। किसी समय लालू प्रसाद यादव की बिहार और केन्द्र में तूती बोलती थी। लालू ने एक बार गुजरात जाकर एक रैली में अपने अंदाज में नरेंद्र मोदी को ललकारा था और कहा था कि वो उनका वध करने आए हैं। पर इसके कुछ समय बाद लालू प्रसाद यादव जैसा घाग राजनेता बिहार की राजनीति में अपना रुतबा खो देता है। जिसका फायदा नीतीश कुमार को होता हैं। क्योंकि वो बीजेपी के साथ आ जाते हैं। नहीं तो नीतीश के सामने लालू बिहार में कहीं ज्यादा प्रभावशाली नेता थे। पर मोदी अंध विरोध में लालू ने अपनी प्रसंगता खो दी थी। गुजरात दंगों के बाद कांग्रेस की अगवानी में पूरे विपक्ष ने नरेंद्र मोदी को घेर लिया था। तो सोनिया गांधी ने उस समय, नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर कहा था। राहुल गांधी का विरोध भी कभी बीजेपी से नहीं, सीधा नरेंद्र मोदी से रहा है। पर आज कांग्रेस क्षेत्रीय पार्टियों से भी कमजोर हो चुकी है और सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी, खुद ई

BJPआजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया. लाल किले से अपने संबोधन में पीएम ने कि अगले 25 साल देश के लिए काफी महत्वपूर्ण है. By वनिता कासनियां पंजाब पीएम ने कहा कि हमे अगले 25 साल पंच प्राण पर केंद्रित करना होगा. प्रधानमंत्री ने इस मौके पर पांच प्राण शक्तियां गिनाईं. पीएम ने कहा कि अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा, और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए. दूसरा प्राण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना.तीसरी प्राण शक्ति- हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए. चौथा प्राण है- एकता और एकजुटता और पांचवां प्राण है- नागरिकों का कर्तव्य, इसमें प्रधानमंत्री भी बाहर नहीं होता है, राष्ट्रपति भी बाहर नहीं है. प्रधान मंत्री के कहा कि हमें 'पंच प्रण' पर अपनी शक्ति, संकल्पों और सामर्थ्य को केंद्रित करना होगा.ये है PM मोदी के दिए पांच प्रण-अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए.दूसरा प्रण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना है.मोदी ने कहा कि हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए. एकता और एकजुटता के साथ हमें देशहित में काम करना चाहिए.चौथा प्रण एकता और एकजुटता है. एकता की ताकत है. देश के 130 करोड़ देशवासियों में एकता रहे. यह चौथा प्रण है.पांचवां प्रण में नागरिकों के कर्तव्य है जिनमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं.पीएम ने कहा कि चाहे वो आजादी की लड़ाई लड़ने वाले हों या राष्ट्र का निर्माण करने वाले-डॉ राजेंद्र प्रसाद, नेहरू जी, सरदार पटेल, एसपी मुखर्जी, एलबी शास्त्री, दीनदयाल उपाध्याय, जेपी नारायण, आरएम लोहिया, विनोबा भावे, नानाजी देशमुख, सुब्रमण्यम भारती-आज का दिन है. ऐसे महापुरुषों के आगे नतमस्तक.भारत न रुका, न झुका और आगे बढ़ता रहा: PM मोदीपीएम मोदी ने कहा कि इस मिट्टी में शक्ति है; तमाम चुनौतियों के बावजूद भारत न रुका, न झुका और आगे बढ़ता रहा. अपने संबोधन में पीएम ने कोरोना महामारी दौर को भी याद किया. पीएम ने कहा किकोरोना के कालखंड में दुनिया वैक्सीन लेने या न लेने की उलझन में जी रही थी. उस समय हमारे देश लोगों ने 200 करोड़ डोज लेकर दुनिया को चौंका देने वाला काम करके दिखाया. आजादी के इतने दशकों बाद पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है. विश्व, भारत की तरफ गर्व और अपेक्षा से देख रहा है. समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर, दुनिया खोजने लगी है.Vnita Kasnia Punjabभारत की धरती से जुड़ी हुई शिक्षा नीति बनी है: PMपीएम बोले कि जिस प्रकार से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनी है, जिस मंथन के साथ बनी है, कोटि-कोटि लोगों के विचार प्रवाह को संकलित करते हुए बनी है. भारत की धरती से जुड़ी हुई शिक्षा नीति बनी है. आज विश्व पर्यावरण की समस्या से जो जूझ रहा है. ग्लोबल वार्मिंग की समस्याओं के समाधान का रास्ता हमारे पास है. इसके लिए हमारे पास वो विरासत है, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है.

BJP आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने देश को संबोधित किया. लाल किले से अपने संबोधन में पीएम ने कि अगले 25 साल देश के लिए काफी महत्वपूर्ण है. By वनिता कासनियां पंजाब पीएम ने कहा कि हमे अगले 25 साल पंच प्राण पर केंद्रित करना होगा. प्रधानमंत्री ने इस मौके पर पांच प्राण शक्तियां गिनाईं. पीएम ने कहा कि अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा, और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए. दूसरा प्राण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना. तीसरी प्राण शक्ति- हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए. चौथा प्राण है- एकता और एकजुटता और पांचवां प्राण है- नागरिकों का कर्तव्य, इसमें प्रधानमंत्री भी बाहर नहीं होता है, राष्ट्रपति भी बाहर नहीं है. प्रधान मंत्री के कहा कि हमें 'पंच प्रण' पर अपनी शक्ति, संकल्पों और सामर्थ्य को केंद्रित करना होगा. ये है PM मोदी के दिए पांच प्रण- अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए. दूसरा प्रण है किसी भ

Har Ghar Tiranga: भारतीय डाक ने रच डाला नया कीर्तिमान, 10 दिन में बेचा 1 करोड़ से अधिक 'तिरंगा' By वनिता कासनियां पंजाब Har Ghar Tiranga: हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए डाक विभाग ने डाकघरों के माध्यम से 10 दिनों में 1 करोड़ से अधिक नेशनल फ्लैग को बेचा है.Har Ghar Tiranga: भारतीय डाक ने रच डाला नया कीर्तिमान, 10 दिन में बेचा 1 करोड़ से अधिक 'तिरंगा'Har Ghar Tiranga: हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए डाक विभाग ने डाकघरों के माध्यम से 10 दिनों में 1 करोड़ से अधिक नेशनल फ्लैग को बेचा है.Har Ghar Tiranga: भारत सरकार के हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए डाक विभाग (Department of Posts) के देशभर में फैले 1.5 लाख डाकघरों ने काफी योगदान दिया है. एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि इन 1.5 लाख डाकघरों के माध्यम से 10 दिनों में 1 करोड़ से अधिक नेशनल फ्लैग को बेचा है. डाक विभाग प्रति झंडा 25 रुपये के हिसाब से बेच रहा है. बताया गया कि डाक विभाग ने ये 1 करोड़ नेशनल फ्लैग डाकघरों के साथ-साथ ऑनलाइन माध्यम से बेचा है.

Har Ghar Tiranga: भारतीय डाक ने रच डाला नया कीर्तिमान, 10 दिन में बेचा 1 करोड़ से अधिक 'तिरंगा' By  वनिता कासनियां पंजाब Har Ghar Tiranga: हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए डाक विभाग ने डाकघरों के माध्यम से 10 दिनों में 1 करोड़ से अधिक नेशनल फ्लैग को बेचा है. Har Ghar Tiranga: भारतीय डाक ने रच डाला नया कीर्तिमान, 10 दिन में बेचा 1 करोड़ से अधिक 'तिरंगा' Har Ghar Tiranga: हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए डाक विभाग ने डाकघरों के माध्यम से 10 दिनों में 1 करोड़ से अधिक नेशनल फ्लैग को बेचा है.Har Ghar Tiranga: भारत सरकार के हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए डाक विभाग (Department of Posts) के देशभर में फैले 1.5 लाख डाकघरों ने काफी योगदान दिया है. एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि इन 1.5 लाख डाकघरों के माध्यम से 10 दिनों में 1 करोड़ से अधिक नेशनल फ्लैग को बेचा है. डाक विभाग प्रति झंडा 25 रुपये के हिसाब से बेच रहा है. बताया गया कि डाक विभाग ने ये 1 करोड़ नेशनल फ्लैग डाकघरों के साथ-साथ ऑनलाइन माध्यम से बेचा है.

बीमारियों के आने के क्या संकेत हो सकते हैं?By वनिता कासनियां पंजाबअचानक वजन घटना:- यदि बिना किसी कोशिश या डाइट के आपका वजन घटने लगता है तो यह आपके लिए अच्छी बात नहीं है क्योंकि यह ऐसा तभी होता है जब आपको किसी गंभीर बीमारी की होने की संभावना होबदन दर्द व अकड़न:- अगर आपको अक्सर शरीर में दर्द और अकड़न महसूस होती है तो वह समझ जाइए यह आपको किसी आने परेशानी की ओर संकेत कर रहा है अगर आप का दर्द 4 सप्ताह तक बरकरार है तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनीवायरल बुखार:- अगर आपको लंबे समय से बुखार है और उतरने का नाम नहीं ले रहा तो यह आपके लिए चिंता की बात है ऐसे में किसी अच्छे चिकित्सक से सलाम ले और इलाज करवाएंथकान :- दिनभर जा ज्यादा काम करने से थकान हो आम बात है लेकिन बिना किसी काम को किए अगर आप थकान महसूस करते हैं तो यह आपके लिए चिंता की वजह है बेहतर होगा कि आप वक्त रहते इस कमजोरी व थकान का कारण पता कर इलाज करवाएंचर्म रोग:- हार्मोनस से बदलने से होने वाले बदलाव अधिकांश तौर पर व्यक्ति के चेहरे पर नजर आ जाते हैं लेकिन शरीर के किसी और अंग पर लाल रंग के चख्ते किसी अन्य बीमारी की ओर संकेत करते हैंहंसते वक्त या फिर पेशाब मैं खून आना:- यदि आपको खास दे वक्त या पेशाब में खून आता है तो समझ लीजिए कि यह कोई गंभीर मसला है वैसे यूरिन में ब्लड आना 2 बीमारियों की तरफ इशारा करता है या फिर आपको बवासीर जा फिर आपको कैंसर भी हो सकता हैअगर आपको कोई शेर से जुड़ी समस्या है तो आप इस नंबर पर कांटेक्ट करें whatsapp no.9780948925What can be the signs of coming diseases?By Vnita Kasnia PunjabSudden Weight Loss:- If you start losing weight without any effort or diet, then it is not a good thing for you because it happens only then.

बीमारियों के आने के क्या संकेत हो सकते हैं? By वनिता कासनियां पंजाब अचानक वजन घटना:- यदि बिना किसी कोशिश या डाइट के आपका वजन घटने लगता है तो यह आपके लिए अच्छी बात नहीं है क्योंकि यह ऐसा तभी होता है जब आपको किसी गंभीर बीमारी की होने की संभावना हो बदन दर्द व अकड़न:- अगर आपको अक्सर शरीर में दर्द और अकड़न महसूस होती है तो वह समझ जाइए यह आपको किसी आने परेशानी की ओर संकेत कर रहा है अगर आप का दर्द 4 सप्ताह तक बरकरार है तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी वायरल बुखार:- अगर आपको लंबे समय से बुखार है और उतरने का नाम नहीं ले रहा तो यह आपके लिए चिंता की बात है ऐसे में किसी अच्छे चिकित्सक से सलाम ले और इलाज करवाएं थकान :- दिनभर जा ज्यादा काम करने से थकान हो आम बात है लेकिन बिना किसी काम को किए अगर आप थकान महसूस करते हैं तो यह आपके लिए चिंता की वजह है बेहतर होगा कि आप वक्त रहते इस कमजोरी व थकान का कारण पता कर इलाज करवाएं चर्म रोग:- हार्मोनस से बदलने से होने वाले बदलाव अधिकांश तौर पर व्यक्ति के चेहरे पर नजर आ जाते हैं लेकिन शरीर के किसी और अंग पर लाल रंग के चख्ते किसी अन्य बीमारी की ओर संकेत करते हैं ह

स्वास्थ्य घरेलू नुस्खेदाँत दर्द से तुरंत राहत पाने का घरेलू उपचार क्या है? By Vnita kasnia Punjab आमतौर पर कई लोगों दांतों में असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता जिससे उबर पाना बहुत मुश्किल सा लगता है। लेकिन आज हम आपके सामने कुछ ऐसे घरेलू उपचार लेकर आए हैं जिसे अपनाकर आप अपने दांत के असहनीय दर्द को आसानी से कम कर सकते हैं। मुक्त रूप से दांतों में दर्द की समस्या पर 10 व्यक्तियों से 6 व्यक्ति ने देखने को मिलता है। दांतों में होने वाले दर्द आपकी जिंदगी को भी प्रभावित करते हैं आप चाहकर भी अपने मनचाहे वस्तु को खा नहीं सकते है। ऐसे में आप इस असहनीय दर्द से उबरने के लिए कई प्रकार के पेन किलर दवाओं का उपयोग करते हैं। इसका कारण है कि दांत आपके अन्य कार्यों को भी प्रभावित करता है। तो आइए हम जानते हैं कुछ ऐसे घरेलू उपचार जिसे अपनाकर आप अपने दांत के असहनीय दर्द से छुटकारा पा सकते हैं।हींग: जब भी दांतों की असहनीय दर्द की बात होती है फिर भी का नाम सबसे पहले आता है। दांतों की असहनीय दर्द का इस्तेमाल बेहद फायदेमंद होता है। इसका इस्तेमाल करना भी बेहद आसान होता है।इस्तेमाल करने की विधि: मौसमी के रस में रुई के माध्यम से हींग को मिलाकर दांत में लगाने से दांत के दर्द से तुरंत राहत मिलता है।लौंग : में ढेर सारे औषधीय गुण पाए जाते हैं जो दांतो में मौजूद अन्य बैक्टीरिया एवं कीटाणुओं को खत्म करने में मदद करता है। लौंग अपने दांतों के नीचे रखने से राहत मिलता है। परंतु इसकी दर्द कम करने की प्रक्रिया धीरे होती है, इसलिए आपको धैर्य रखने की आवश्यकता है।प्याज: प्याज दांत के दर्द के लिए एक बेहतरीन उपचार है। जो लोग नियमित रूप से प्याज का सेवन करते हैं उन्हें दांतो के दर्द की समस्या कम होती है। प्याज में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो आपके दांतों में मौजूद कीटाणु को कम कर देते हैं। दांत की दर्द करने की स्थिति में उस स्थान पर कच्ची प्याज को रखता है थोड़ी देर तक चबाने से शीघ्र ही राहत मिलता है।लहसुन: लहसुन का सेवन से दांतों के दर्द में बेहद फायदेमंद होता है लहसुन में एंटीबैक्टीरियल गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। लहसुन विभिन्न प्रकार के संक्रमण से लड़ने की क्षमता रखता है। दांतों मे दर्द की समस्या होने पर लहसुन की 2 से 3 कली को चबाने से राहत मिलता है। लहसुन में एलीसिन नामक तत्व पाया जाता है जो दांतो के पास जमे जर्म्स, बैक्टीरिया और जीवाणुओं को नष्ट कर देते है।यदि आपको हमारे द्वारा किया गया post यह पसंद आया हो तो आप इसे अवश्य ही upvote करें इसी तरह के और भी उत्तर पाने के लिए आप हमें quora अनुरोध भी कर सकते है।धन्यवाद।चित्र आभार :गूगल What are the home remedies to get instant relief from toothache?By Vnita kasnia PunjUsually, many people have to face unbearable pain in the teeth, which is very difficult to recover from. But today we are in front of youabouab

स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे दाँत दर्द से तुरंत राहत पाने का घरेलू उपचार क्या है? By Vnita kasnia Punjab आमतौर पर कई लोगों दांतों में असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता जिससे उबर पाना बहुत मुश्किल सा लगता है। लेकिन आज हम आपके सामने कुछ ऐसे घरेलू उपचार लेकर आए हैं जिसे अपनाकर आप अपने दांत के असहनीय दर्द को आसानी से कम कर सकते हैं। मुक्त रूप से दांतों में दर्द की समस्या पर 10 व्यक्तियों से 6 व्यक्ति ने देखने को मिलता है। दांतों में होने वाले दर्द आपकी जिंदगी को भी प्रभावित करते हैं आप चाहकर भी अपने मनचाहे वस्तु को खा नहीं सकते है। ऐसे में आप इस असहनीय दर्द से उबरने के लिए कई प्रकार के पेन किलर दवाओं का उपयोग करते हैं। इसका कारण है कि दांत आपके अन्य कार्यों को भी प्रभावित करता है। तो आइए हम जानते हैं कुछ ऐसे घरेलू उपचार जिसे अपनाकर आप अपने दांत के असहनीय दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। हींग:  जब भी दांतों की असहनीय दर्द की बात होती है फिर भी का नाम सबसे पहले आता है। दांतों की असहनीय दर्द का इस्तेमाल बेहद फायदेमंद होता है। इसका इस्तेमाल करना भी बेहद आसान होता है। इस्तेमाल करने की विधि:  मौसमी के रस मे

How is soda bad for the kidneys?We should not drink too much soda, otherwise our kidneys can be like this:Foods high in sodium and sugar can cause kidney stones.kidney stone

. क्या दांत निकलवाये बिना कैविटी को जड़ से खत्म किया जा सकता है? By Vnita kasnia Punjab क्या दांत निकलवाये बिना कैविटी को जड़ से खत्म किया जा सकता है? इसका एक शब्द का उत्तर है , " हाँ !" चित्रस्रोत- गूगल आपको किसी एंडोडोंटिस्ट के पास जाना होगा।दाँत को निकाले बिना उसे ठीक करना उनके अधिकार क्षेत्र में आता है। मैंने आपको विशेष तौर पर endodontist के पास जाने को कहा है।जिस प्रकार शरीर के विभिन्न रोगों के अलग अलग विशेषज्ञ चिकित्सक होते हैं, दन्त रोगों के भी अलग अलग विशेषज्ञ होते हैं। एंडोडोंटिस्ट, प्रोस्थोडोंटिस्ट,ऑर्थोडॉन्टिस्ट, पेरियोडोंटिस्ट , मैक्सिलोफेशल विशेषज्ञ,ओरल सर्जन, पीडोडोंटिस्ट (बाल दांत विशेषज्ञ)। एंडोडोंटिस्ट  का कार्य है प्राकृतिक दाँत को बचाये रखने की हर सम्भव कोशिश करना। मरीज़ की आवश्यकतानुसार दाँत में मेटल, पोर्सलीन, आदि भर कर उसे ठीक करना।छोटी कैविटी इसके द्वारा बिल्कुल ठीक की जा सकती हैं। बड़ी कैविटी या दांत लगभग खत्म हो जाने की आशंका हो तो रुट कैनाल उपचार दिया जाता है। रुट कनाल के बाद एंडोडोंटिस्ट का काम खत्म हो जाता है। रुट कनाल को टिकाऊ बनाने के लिए क्राउन लग

जब गुस्सा आए तो क्या करें? By Vnita kasnia Punjab अक्सर हम सभी को हर रोज किसी न किसी बात पर गुस्सा आ ही जाता है। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। और हम इसे कण्ट्रोल भी कर लेते है , परन्तु कुछ लोग इसे कण्ट्रोल नही कर पाते है। इसके अनेको कारण होते है। तनाव भी गुस्से का एक कारण है।गुस्सा सभी को आता है। थोड़ा गुस्सा करके आपका मन शांत हो जाता है । परन्तु परेशानी की बात तब होती है जब आप छोटी छोटी बात पर गुस्सा करने लगते हैं और चिल्लाने लगते हैं ।क्या करे जब आपको गुस्सा आये?1.उल्टी गिनती करनाउल्टी गिनती गिनने से आपको अपने गुस्से को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करना और 10 से 1 तक उल्टी गिनती करने से आपको स्वभाव और भाषा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।2.टहलेंथोड़ा बहुत टहल कर आप अपने अपने क्रोध पर अंकुश लगा सकते है। इसके लिए, चलते समय अपने कदमों पर ध्यान दें। मन को शांत करके क्रोध पर नियंत्रण रखें। स्थान बदलने से स्थिति प्रभावित हो सकती है, जो क्रोध की तीव्रता को कम करने में मदद करती है। नतीजतन, जब भी किसी को गुस्सा आता है, तो बिना ज्यादा बात किये वहाँ से उठना और थोड़ा टहल लेना बेहतर विकल्प है।3.मैडिटेशन करेंमैडिटेशन का अभ्यास करने से गुस्सा कम करने में मदद मिल सकती है । इस प्रकार के ध्यान में, मस्तिष्क मन को शांत करता है और इसे तीव्र आनंद की स्थिति में लाता है। इस तरह, गुस्से को कम करने के लिए ध्यान लगाकर, व्यक्ति क्रोध को नियंत्रित करना सीख सकता है।4.गहरी सांस लेंवास्तव में, धीमी, गहरी साँस लेने से क्रोध को नियंत्रण में किया जा सकता है । इसके लिए बेहतर होगा कि आप काउंटिंग करते हुए गहरी सांस लें, इससे गुस्से को शांत करने में बहुत मदद मिलती है । मैडिटेशन में ये दोनों प्रक्रियाएँ शामिल हैं।5.संगीत सुनेंमधुर संगीत क्रोध को कम करता है। मधुर संगीत सुनने से गुस्से को स्वयं पर हावी होने से रोका जा सकता है। म्यूजिक थेरेपी मन में पनपनें वाले नकारात्मक विचारों को रोकता है और मन को शांत करता है।6.चुप रहेंकुछ न कहने और चुप रहने से गुस्सा कम होता है। लोगों का मानना है कि इस विकल्प के इस्तेमाल से गुस्से को अच्छी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है। क्रोध आने पर खुद को शांत रखें, और कुछ समय के लिए बोलने से बचें। यह आपको दूसरे को सुनने और उनकी बात को समझने का समय देगा । इसके अतिरिक्त, यह क्रोध को नियंत्रित करता है और बेहतर और स्पष्ट प्रतिक्रिया देने में सहायता करता है।7.अच्छी नींद लेरात को अच्छी नींद लेना गुस्सा कम करने का एक अच्छा तरीका है। हृदय रोगियों पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार, पर्याप्त नींद नहीं मिलने पर लोगो को गुस्सा आता है। इस वजह से, यह कहना सही है कि अपर्याप्त नींद के कारण लोग अपने क्रोध को नियंत्रित करने में असमर्थ होते हैं।उम्मीद है आपको यह पोस्ट अच्छी लगी होगी यह जानकारी उन लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो गुस्से को नियंत्रण नहीं कर पाते वे चाहे तो इन नियमों का पालन कर सकते हैं lमेरे शब्दों को पढ़ने के लिए धन्यवादll

जब गुस्सा आए तो क्या करें? By Vnita kasnia Punjab अक्सर हम सभी को हर रोज किसी न किसी बात पर गुस्सा आ ही जाता है। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। और हम इसे कण्ट्रोल भी कर लेते है , परन्तु कुछ लोग इसे कण्ट्रोल नही कर पाते है। इसके अनेको कारण होते है। तनाव भी गुस्से का एक कारण है।गुस्सा सभी को आता है। थोड़ा गुस्सा करके आपका मन शांत हो जाता है । परन्तु परेशानी की बात तब होती है जब आप छोटी छोटी बात पर गुस्सा करने लगते हैं और चिल्लाने लगते हैं । क्या करे जब आपको गुस्सा आये? 1.उल्टी गिनती करना उल्टी गिनती गिनने से आपको अपने गुस्से को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करना और 10 से 1 तक उल्टी गिनती करने से आपको स्वभाव और भाषा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। 2.टहलें थोड़ा बहुत टहल कर आप अपने अपने क्रोध पर अंकुश लगा सकते है। इसके लिए, चलते समय अपने कदमों पर ध्यान दें। मन को शांत करके क्रोध पर नियंत्रण रखें। स्थान बदलने से स्थिति प्रभावित हो सकती है, जो क्रोध की तीव्रता को कम करने में मदद करती है। नतीजतन, जब भी किसी को गुस्सा आता है, तो बिना ज्यादा बात कि