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Indian Parliament By Socialist Vanita Kasani PunjabNational bicameral legislature of IndiaRead in another languageTake careEditLearn moreThere are multiple issues in this article. Please help improve it

भारतीय संसदBy समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब भारत का राष्ट्रीय द्विसदनीय विधायिका किसी अन्य भाषा में पढ़ें ध्यान रखें संपादित करें Learn more इस लेख में अनेक समस्याएँ हैं। कृपया इसे सुधारने में मदद करें या वार्ता पृष्ठ पर इन समस्याओं पर चर्चा करें। Learn more यह लेख फिलहाल कुछ देर के लिए बडे संपादन के दौर से गुजर रहा है। संपादन में विघ्न टालने के लिये जब तक यह संदेश दिखाया जा रहा है तब तक कृपया इस पृष्ठ में बदलाव ना करे।भारत की संसद (अथवा पार्लियामेंट) भारत देश की विधानपालिका का सर्वोच्च निकाय है। यह द्विसदनीय व्यवस्था है। भारतीय संसद में राष्ट्रपति तथा दो सदन- लोकसभा (लोगों का सदन) एवं राज्यसभा (राज्यों की परिषद) होते हैं। राष्ट्रपति के पास संसद के दोनों में से किसी भी सदन को बुलाने या स्थगित करने अथवा लोकसभा को भंग करने की शक्ति है। भारतीय संसद का संचालन 'संसद भवन' में होता है। जो कि नई दिल्ली में स्थित है। राज्यसभा को उच्च सदन एवं लोकसभा को निम्न सदन कहा जाता है। परंतु यह केवल व्यवहार मे कहा जाता है। क्योंकि भारतीय संविधान मं कही भी लोकसभा के लिए निम्न सदन एवं राज्य सभा के लि

Saline bottoms are being hung by climbing on trees in the field, people are playing haggard doctorsBy social worker Vanita Kasani Punjab41/5Where on the one hand, due to the increasing number of corona patients, beds in hospitals

खेत में पेड़ पर लटकाकर चढ़ाई जा रही सलाइन बॉटल, लोगों की जान से खेल रहे हैं झोलाछाप डॉक्टर By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब 1/5 जहां एक तरफ कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते अस्पतालों में बेड की कमी हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के आगर मालवा से चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां झोलाछाप डॉक्टर खेतों में मरीजों का इलाज कर रहे हैं. पेड़ पर सलाइन की बोतल लटका कर मरीजों को चढ़ाई जा रही हैं.  2/5 दरअसल, ग्रामीण इलाकों में रहने वालों को खांसी जुकाम आने पर इस बात का डर सता रहा है कि शहर जाएंगे तो उन्हें कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया जाएगा इसलिए वो गांव के झोलाछाप डॉक्टरों के पास इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.  3/5 शहर में प्रशासन की तरफ से ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई भी जारी है लिहाजा प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर ऐसे झोलाछाप खेत में मरीजों का इलाज कर रहे हैं.     4/5 इस दौरान पेड़ पर ही सलाइन लटकाकर मरीजों को चढ़ाई जा रही है. झोलाछाप डॉक्टरों की यह करतूत प्रशासन को जैसे ही पता चली, इसे रुकवाया गया है.     5/5 इस मामले में बात करते हुए बीएमओ मनीष कुरील ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टर जो ग्

भारत के साथ 1971 के युद्ध के दौरान अमेरिका ने पाकिस्तान का समर्थन क्यों किया था? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबजैसा कि आप जानते हैं कि साल 1971 से पहले तक बांग्लादेश पाकिस्तान का ही एक हिस्सा था,जिसे पूर्वी पाकिस्तान के रूप में जाना जाता था ! जहाँ की भाषा बांग्ला थी ! इसलिए पश्चिमी पाकिस्तान का इनसे ज्यादा कोई रिस्ता नहीं रहता था, जिसके कारण पूर्वी पाकिस्तान के लोगो को सरकार मे कोई ज्यादा दखल या हिस्सा नहीं लेने देते पश्चिमी पाकिस्तानी लोग !🎯 इसलिए पूर्वी पाकिस्तान के हिस्सै मे हमेशा नाइंसाफी होती थी जिससे पूर्वी पाकिस्तान का उन्नति रुक सी गयी थी ! इसी कारण वश पूर्वी पाकिस्तान के लोगो मे नफ़रत हो गयी थी पश्चिम वालो से !! इसी कारण वहा अलगाव की राजनीती शुरू हो गयी थी जो बड़ा भयानक रूप ले ली थी !🎯 इसी अलगाव को रोकने के लिए कई ओपरेशम चलाये गए थे पूर्वी पाकिस्तान मे !🎯 इस विद्रोह को कुचलने के लिए बल प्रयोग किया गया था ! और उस बल ने बांग्लादेश की महिलाओ का बलात्कार पे बलात्कार किये जा रहे थे, पाकिस्तानी सैनिको ने सिविल एरिया मे घुस घुस कर औरतों के इज्जत को तार तार कर रहे थे 😔🎯 भारत से देखा नहीं जा रहा था !🎯 ऐसी स्थित से पूर्व भारत मे पूर्वी पाकिस्तानियो के लोगो का शरणस्थली के रूप मे बढ़ता जा रहा था जो एक खतरा था भारत के लिए !!!🎯 लोगो का भारत मे अवैध रूप से बढ़ना जारी रहा🎯 इस भयानक स्थित को रोकने के लिए भारत ने सैन्य ऑपरेशन चलाया था जिसमे उस वक्त के अमेरिकन राष्ट्रपति ने अपनी टांग अड़ानी चाही थी, बात उस वक्त की हैँ जब अमेरिका के राष्ट्र पति निक्सन थे, इन्होने बंगाल की खाड़ी मे अपनी युद्ध पोत भेज दी थी जब इनको भनक लगी की इसमें भारत काफी इंटरेस्ट ले रहा हैँ ! डर था की ऐसा करके उस जगह सोवियत रूस का साम्राज्य स्थापित हो जायेगा, उस वक्त की भारत की PM इंदिरा गाँधी थी जो देश के हित को ध्यान मे रखकर अमेरिकी राष्ट्र पति को सन्देश भी दिया था की स्थित भारत के लिए भयानक होता जा रहा हैँ,🎯 लेकिन स्थिति काफी भयानक होती ही जा रही थी, लोगो का भागकर भारत मे आना जारी रहा !🎯 लेकिन अमेरिकन राष्ट्रपति निक्सनको इस बात की भनक लग चुकी थी कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ जंग कि तैयारी कर चूका हैँ🎯 दरअसल अमेरिका, पाकिस्तान के साथ सेनटो और सिएटो संधि के तहत जुड़ा हुआ था ! अमेरिका को डर था कि अगर युद्ध हुआ और भारत जीत गया तो उनके समर्थन से एशिया में सोवियत संघ का विस्तार और बढ़ जाएगा, जैसा ऊपर भी लिखा गया हैँ !🎯 28 मार्च, 1971 को अमेरिकी सेक्रेटरी ऑफ स्टेट विल रोजर को पाकिस्तान से एक सन्देश आया कि हमारी सरकार देश में पूर्वी हिस्से में फैली असंतुलन की स्थिति को काबू करने में पूरी तरह से फेल हो गई है !🎯 ऐसे मे अमेरिका को पूरा विश्वाश हो चला था कि जंग तो पक्का हैँ !🎯 इसलिए अमेरिका ने पाकिस्तान के ही जरिये चीन को भी जंग मे लेना चाहा !🎯 और हमले के लिए युद्ध पोत भेज दिए थे🎯 दरअसल भारत इस बात से बेखबर था कि अमेरिका उसे इस मुद्दे पर भारत को घेर रहा था, जिसे इंदिरा गाँधी निक्सन के पास गयी भी थी इस मुद्दे को लेकर, बंगालियों की स्थिति को बताया और स्थित को सुधारने के लिए हस्तक्षेप करने की गुजारिश भी की थी !🎯 एक तो अमेरिका, ऊपर से भारत रूस की दोस्ती का जलन, तीसरा रूस का बढ़त अमेरिका को नागवार था, इस लिए निक्सन ने बिना कोई मदद के साफ इनकार कर दिया था जिससे इंदिरा के पास युद्ध के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा था !🎯 बाद मे भारत ने बंगाल की खाड़ी मे अपने युद्ध पोत (विक्रांत) तैयार खड़े कर दिए थे🎯 इसी बीच जब तक भारत युद्ध का एलान करता खुद पाकिस्तान ने 3 Dec. को भारत पर हमला कर दिया था, अक्सर देखा गया हैँ छोटे देशो मे अक्सर धैर्य की कमी रही हैँ 🤔🎯 धैर्य देखना हैँ तो भारत का देखिये (जो बड़ा देश की बात करी हैँ )चीन चाहता हैँ और खूब उकसा भी रहा भारत को कि भारत पहले युद्ध के लिए वॉर करें लद्दाख वाले केश मे !! जो कि भारत ऐसा करने से रहा 😃🎯 भारत को भी इसका अंदाजा लग चूका था जिसको देखते हुए पूरी तरह से तैयार था भारत और भारत भी एलान कर दिया🎯 जब अमेरिका को पता चला तो आनन फानन मे अपना युद्ध पोत (USS एंटरप्राइसेस)बंगाल की खाड़ी भेज दिया और उसको लगा इसके जरिये वह भारत को धमका कर आत्म समर्पण करवा लेगा🎯 10 dec को अमेरिका का यह सन्देश पकड़ा गया की उसका USS इंटरप्राइजेज अपनी जगह पहुंच गया हैँ🎯 जवाब मे भारतीय नेवी ने अपना युद्ध पोत विक्रांत मैदान मे उतार दिया जो USA के USS इंटरप्राइजेज को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार खड़ा मिला🎯 एक बात और थी यहाँ ब्रिटिश भी हमारे खिलाफ थे, जो की उनका भी एक युद्ध पोत (ईगल) भारतीय महाद्वीप की और बढ़ रहा था🎯 इसके बाउजूद भारत घबराया नहीं धैर्य से ही सही, और इंडो- सोवियत सन्धि के तहत भारत सोवियत रूस से मदद मांगी🎯 तारीख़ 13 दिसंबर को एडमिरल व्लादिमीर करुपलयाकोव के नेतृत्व में सोवियत संघ 🇦🇲 ने न्यूक्लियर हथियारों से लैस युद्धपोत और सबमरीन भेज दी थी ! बूम !बाल वनिता महिला आश्रम🎯 इसी बात का ब्रिटिश को भनक लगते ही, की भारत अकेला नहीं रूस भी है भारत के साथ, उलटे पाव भाग खड़े हुए 😃🎯 इसके साथ ही अमेरिका भी अपनी सेना वापस बुला ली थी 😃🎯 इसी बीच भारत द्वारा अलग दस्तावेज पारित हुआ जो पूर्वी पाकिस्तान का नाम बांग्लादेश रखा गया एक अलग देश के रूप मे, और बांग्लादेश देश का उदय हुआ 🇧🇩🇧🇩🇧🇩🎯 भारत अपनी पूरी ताकत से लड़ा और लड़ते हुए लाहौर के राश्ते पाकिस्तान मे दाखिल हो गयी थी भारतीय सेना🎯 भारतीय सेना के सामने पाकिस्तान का रक्षा कमजोर हो रहा था इसी को देखते हुए पाकिस्तानी जनरल नियाजी ने 14 dec को अमेरिकी उच्चायुक्त को संदेह भेजा की वो आत्म समर्पण करना चाहते है जो वाशिंगटन होते हुए बात दिल्ली पहुंची🎯 और तब भारतीय सेना को तुरंत आगे बढ़ने से रोक दिया गया और फिर आत्म समर्पण करवाया गया पाकिस्तानी सेना से..🎯 इस समर्पण से एक नये देश जा उदय हुआ जो बांग्लादेश के नाम से जाना गया 🇧🇩🇧🇩🇧🇩🎯 इस लड़ाई से सवसे महत्वपूर्ण बात जो सामने आयी वो ये था की भारत के ताकत का नमूना चीन, पाकिस्तान, ब्रिटिश और USA को हो चला था, जिसका असर आज भी है इन सब पर🎯 ताकत का मतलब सिर्फ ताकत नहीं, "धैर्य और दिमाग़ "का होना बेहद जरुरी था जो भारत के पास तो था ही पर इनके पास नहीं था 😃🎯 भारत 🇮🇳 ने अपनी सूझ बुझ के बदौलत दक्षिण एशिया मे एक ताकतवर देश बनकर उभरा 💪👉अमेरिका की न सही पर उस नासमझ राष्ट्रपति निक्सन की थी जो भारत जैसे देश को छोड़कर पाकिस्तान की ओर चला गया जो आज भी USA को पछतावा के सिवा और कुछ नहीं दे रहा बसर्ते USA के लिए नहीं वरन पूरा विश्व के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है जबकि भारत और भी विश्व हमदर्द बनता जा रहा है 😃👉अलग बात ये हुआ कि…🎯 एक बात ये जरूर यहाँ कहना चाहुँगा की चाइना के पीछे रूस का कुछ ना कुछ हाथ जरूर है चाहे वो इंडिया के खिलाफ ना हो पर नुकसान इंडिया का भी हुआ है जिसकी कीमत रूस को सायद ना रहा हो वो ऐसे की जब चीन और इंडिया की बात आती है तो रूस कभी नहीं बोला जिससे इंडिया को रूस से थोड़ी दूरी बनानी पड़ी जो अमेरिका के नज़दीक होना पड़ावरना कितने दिनों तक साथ रहा हिंदुस्तान रूस के ! और हर हथियार को रूस से खरीदता रहा, चाहे जो भी दाम लगाता, हिंदुस्तान देता रहा, लेकिन दूरिया तब ज्यादा बढ़ गया जब हिंदुस्तान रूस को कहने पर मजबूर हुआ की चीन पर जोर दे की वो हिंदुस्तान का विरोध NSG (नुक्लेअर सप्लायर ग्रुप) पर न कर समर्थन करे, लेकिन ऐसा हो न सका जो रूस चाहता तो हो सकता था 🎯🎯 फिरभी इंडिया अब भी रूस से आश लगाए हुए है कि रूस का दबाव रंग लाएगा चीन पर इसी आश के सहारे हिंदुस्तान पूरी तरह से अमेरिका के साथ जाने से अभी भी कतरा रहा है ! जिसके पीछे भारत की जबर्दस्त कूटनीति रही🎯 इसीलिए जय शंकर प्रसाद का यह कहना कि अमेरिका को चीन और पाकिस्तान की अपेक्षा समझने मे 6 दशक लग गए, अमेरिकन कैलकुलस का जिक्र करके ब्यंग्य भी कसा था (प्रमाण के लिए विदेश मंत्री जयशंकर जी की ट्वीट देख सकते हैँ )🎈🎈 यह सब कारण रहा कि अमेरिका 1971 मे भारत के साथ न रह सका !!!🎈🎈👉चित्र स्रोत : गूगल और अन्य के सहयोग से!! आपने समय दिया उसके लिए आभार !!धन्यवाद ! दिन शुभ हो !! 🙏🙏

भारत के साथ 1971 के युद्ध के दौरान अमेरिका ने पाकिस्तान का समर्थन क्यों किया था? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब जैसा कि आप जानते हैं कि साल 1971 से पहले तक बांग्लादेश पाकिस्तान का ही एक हिस्सा था,जिसे पूर्वी पाकिस्तान के रूप में जाना जाता था ! जहाँ की भाषा बांग्ला थी ! इसलिए पश्चिमी पाकिस्तान का इनसे ज्यादा कोई रिस्ता नहीं रहता था, जिसके कारण पूर्वी पाकिस्तान के लोगो को सरकार मे कोई ज्यादा दखल या हिस्सा नहीं लेने देते पश्चिमी पाकिस्तानी लोग ! 🎯 इसलिए पूर्वी पाकिस्तान के हिस्सै मे हमेशा नाइंसाफी होती थी जिससे पूर्वी पाकिस्तान का उन्नति रुक सी गयी थी ! इसी कारण वश पूर्वी पाकिस्तान के लोगो मे नफ़रत हो गयी थी पश्चिम वालो से !! इसी कारण वहा अलगाव की राजनीती शुरू हो गयी थी जो बड़ा भयानक रूप ले ली थी ! 🎯 इसी अलगाव को रोकने के लिए कई ओपरेशम चलाये गए थे पूर्वी पाकिस्तान मे ! 🎯 इस विद्रोह को कुचलने के लिए बल प्रयोग किया गया था ! और उस बल ने बांग्लादेश की महिलाओ का बलात्कार पे बलात्कार किये जा रहे थे, पाकिस्तानी सैनिको ने सिविल एरिया मे घुस घुस कर औरतों के इज्जत को तार तार कर रहे थे 😔 🎯 भारत

पेशाब में झाग आने के 7 कारण, लक्षणBy समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबक्या आपके पेशाब (यूरिन) में झाग आता है ? आपने देखा होगा कि कभी-कभी झागदार पेशाब (Foamy Urine) होने लगती है. पेशाब में झाग या बुलबुले आने के कारण सामान्य या किसी बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं। अगर आपको कभी-कभार पेशाब में झाग (Foam in Urine) दिखता है तो बहुत टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं है। ज्यादातर ये शरीर में पानी की कमी (Dehydration) की वजह से होता है। लेकिन अगर पेशाब में बुलबुले बनना लगातार कई दिनों तक हो रहा है तो ये किसी रोग की वजह से हो सकता है। पेशाब में झाग आने के 7 कारण और लक्षण – Causes of Foamy urine in hindi कई बार पेशाब में झाग बनने के सामान्य कारण होते हैं। ये कारण कोई रोग नहीं है और अपने आप ठीक भी हो जाते हैं। लेकिन कुछ ऐसी बीमारियाँ होती हैं जिसकी वजह से पेशाब में फ़ोम बनने लगता है। आगे हम दोनों तरह के लक्षणों के बारे में जानेंगे। 1) तेजी से पेशाब करना –कई बार बहुत प्रेशर से या तेजी से पेशाब करने से टॉयलेट में झाग बन जाता है। यह झाग तुरंत ही खत्म हो जाता है, ये कोई चिंता की बात नहीं है। कभी-कभी टॉयलेट की सफाई में प्रयोग हुआ लिक्विड (Cleaning chemical) पड़ा रह जाता है जोकि पेशाब करने पर झाग सा बना देता है। यह झाग फ्लश करने के बाद खत्म हो जाता है।2) गर्भावस्था (Pregnancy) –गर्भावस्था में किसी-किसी महिला की किडनी बढ़ जाती है जिससे Urine में बुलबुले आने लगते हैं. गर्भावस्था में महिलाओं की किडनियों को अधिक मात्रा में अमीनो एसिड फिल्टर करने पड़ते हैं. जब Amino Acid की मात्रा रीनल ट्यूब्यूल्स की क्षमता से अधिक हो जाती है तो वे पेशाब के रास्ते बाहर आ जाते हैं और पेशाब में Foam दिखने लगता है.3) हल्का डिहाईड्रेशन (Dehydration) –डिहाईड्रेशन यानि बॉडी में पानी कम होने से भी पेशाब में झाग उठने लगता है. शरीर में पानी की कमी हो जाने से पेशाब गाढ़ा और बुलबुलेदार हो जाता है.Diabetes के मरीज में Dehydration का रिस्क अधिक होता है इसलिए उन्हें सामान्य लोगों की तुलना में पेशाब में झाग अधिक दिख सकता है. इसके लिए हर 2-3 घंटे में पानी पियें, प्यासे न रहें। जब शरीर में पानी की कमी दूर हो जाएगी तो यह दिक्कत ठीक हो जाती है। रोग के कारण पेशाब में झाग आना – Bubbles in urine causes in hindi अब हम कुछ ऐसी कन्डिशन के बारे में जानेंगे जिसमें अगर पेशाब में बुलबुले या झाग बनते हैं तो आपको लापरवाही नहीं करनी चाहिए। 4) किडनी रोग की वजह से –मूत्र में लगातार झाग बनना किडनी की किसी खराबी या बीमारी का लक्षण भी हो सकता है इसलिए डॉक्टर को सभी लक्षण जल्द बता देने चाहिए.Peshab mein jhag ka aana5) पेशाब में प्रोटीन आना (Proteinuria) –इस बीमारी में भी पेशाब में झाग बनने लगता है। पेशाब में Albumin जैसे प्रोटीन निकलने से यह प्रोटीन हवा से रिएक्शन करके मूत्र में झाग बना देता है। अगर पेशाब में लगातार झाग आने के साथ ही ये लक्षण भी दिख रहे हो तो तुरंत Doctor से सलाह लें :- हाथ, पैर, पेट और चेहरे में सूजन आना थकान लगना भूख न लगना जी मिचलाना, उलटी आना सोने में दिक्कत होना गाढ़ा या धुंधला रंग का पेशाब होना आमतौर पर जब खून किडनियों से होकर गुज़रता है तो स्वस्थ किडनियां सभी प्रकार के Waste product को बॉडी से बाहर कर देती हैं और केवल उसी प्रोडक्ट को खून में रहने देती हैं जो शरीर के लिए ज़रूरी हैं.लेकिन किडनी की बीमारी के शिकार लोगों में किडनी का एक भाग ग्लोमेरूलाई (Glomeruli) काम करना बंद कर देता है जिससे पेशाब में प्रोटीन का आना बढ़ जाता है.प्रोटीन की वजह से मूत्र में झाग आने का इलाज – इस अवस्था में उस आदमी को भोजन से प्रोटीन की खुराक लेना तत्काल बंद कर देना चाहिए और पेशाब में प्रोटीन के होने का इलाज डॉक्टर (Urologist) से करवाना चाहिए.इसके अलावा जब स्वस्थ शरीर को बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन की खुराक मिलती है तो वह उसे पेशाब के रास्ते बाहर निकालने लगता है. किडनियों को यह काम करने में बहुत समस्या हो सकती है और पेशाब में झाग दिखने का यह भी असामान्य लक्षण है.बहुत ज्यादा मछली या प्रोटीन युक्त भोजन लेने से भी शरीर में प्रोटीन की मात्रा बढ़ सकती है. प्रोटीन ड्रिंक्स और बॉडी बिल्डिंग के लिए पिए जानेवाले ड्रिंक्स में प्रोटीन की बहुत अधिक मात्रा होती है. 6) पेशाब के रास्ते में इन्फेक्शन (Urinary Tract Infections) –Urine Infection के कारण भी यूरिन में झाग दिखता है. मूत्र मार्ग के इन्फेक्शन में व्यक्ति को पेशाब करते समय दर्द या जलन भी हो सकती है.इस दशा में इन्फेक्शन के बैक्टीरिया पेशाब के मार्ग में गैस रिलीज़ करते हैं जिससे बुलबुले उठने लगते हैं. पेशाब की जांच के बाद यूरीन इन्फेक्शन के लिए Antibiotic दवाएं लेने पर इस रोग का इलाज हो जाता है.7) वेसीकोकोलिक फिश्चुला (Vesicocolic Fistula) –फिश्चुला एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है जिसमें दो अंगों के बीच किसी गड़बड़ी के कारण खून की नसों का कनेक्शन बन जाता है. यूरीन के ब्लैडर और आंत के बीच बने कनेक्शन को वेसीकोकोलिक फिश्चुला कहते हैं.यह रोग पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा 3 गुना अधिक देखने में आती है. इसके कारण से पेशाब में झाग आने की समस्या का पता Doctor जांच के द्वारा कर सकते हैं.बाल वनिता महिला आश्रमइस जानकारी को Whatsapp, Facebook पर अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें जिससे वो भी इसे पढ़ सकें. किडनी का काम है ? किडनी खराब करने वाली ये 10 आदतें छोड़ देंहमारे बॉडी में लिवर इतना जरूरी क्यों है ?पानी कम पीने से होने वाली 13 बीमारियाँ जरूर जानेसर्जरी से पहले रोगी को खाने-पीने से मना क्यों करते हैंतांबे के बर्तन से पानी पीने के जबर्दस्त 21 फायदेज्यादा नमक खाने से बॉडी को क्या नुकसान होता है

पेशाब में झाग आने के 7 कारण, लक्षण By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब क्या आपके पेशाब (यूरिन) में झाग आता है ? आपने देखा होगा कि कभी-कभी झागदार पेशाब (Foamy Urine) होने लगती है. पेशाब में झाग या बुलबुले आने के कारण सामान्य या किसी बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं। अगर आपको कभी-कभार पेशाब में झाग (Foam in Urine) दिखता है तो बहुत टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं है। ज्यादातर ये शरीर में पानी की कमी (Dehydration) की वजह से होता है। लेकिन अगर पेशाब में बुलबुले बनना लगातार कई दिनों तक हो रहा है तो ये किसी रोग की वजह से हो सकता है।  पेशाब में झाग आने के 7 कारण और लक्षण – Causes of Foamy urine in hindi  कई बार पेशाब में झाग बनने के सामान्य कारण होते हैं। ये कारण कोई रोग नहीं है और अपने आप ठीक भी हो जाते हैं। लेकिन कुछ ऐसी बीमारियाँ होती हैं जिसकी वजह से पेशाब में फ़ोम बनने लगता है। आगे हम दोनों तरह के लक्षणों के बारे में जानेंगे।  1) तेजी से पेशाब करना – कई बार बहुत प्रेशर से या तेजी से पेशाब करने से टॉयलेट में झाग बन जाता है। यह झाग तुरंत ही खत्म हो जाता है, ये कोई चिंता की बात नहीं है। कभी-कभी टॉयलेट क

Human brain is being created in laboratory! By social worker Vanita Kasani PunjabOur elders always say that no matter how much progress a human can make, but he cannot become a god. Ie things

प्रयोगशाला में बनाया जा रहा है मानव मस्तिष्क! By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब   हमारे बड़े बुज़ुर्ग हमेशा ये बात कहते हैं कि मानव चाहे जितनी प्रगति कर ले लेकिन वो ईश्वर नहीं बन सकता। यानि जो चीज़ें प्रकृति ने अपने हाथ में रखी हैं उनमें किसी तरह का परिवर्तन नहीं किया जा सकता। ना ही वैसी चीज़ें वो पैदा कर सकता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है मानव का जन्म। यानि दुनिया में ऐसी कोई ताक़त नहीं जो मानव को पैदा कर सके या मानव शरीर के किसी भी हिस्से को वो अलग से बना सके। हालांकि आज विज्ञान ने इतनी तरक़्क़ी कर ली है कि वो टेस्ट ट्यूब बेबी पैदा कर सकता है। क्लोन की मदद से एक ही मानव जैसे कई मानव भी बना सकता है। आज तो प्रयोगशाला में ही मानव के शरीर के अंग बनाए जा रहे हैं। ऐसा ही एक प्रयोग किया जा रहा है कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की मोलिक्यूलर बायोलोजी प्रयोगशाला में। जहां मानव की चमड़ी से मानव का मस्तिष्क बनाने की कोशिश की जा रही है। यहां मस्तिष्क का विकास उसी तरह से किया जा रहा है जैसे मां के पेट में एक बच्चे का होता है। अंतर केवल इतना है कि मां के पेट में मस्तिष्क का विकास खून की आपूर्ती से होता है। मा

पेशाब में झाग आने के 7 कारण, लक्षणBy समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबक्या आपके पेशाब (यूरिन) में झाग आता है ? आपने देखा होगा कि कभी-कभी झागदार पेशाब (Foamy Urine) होने लगती है. पेशाब में झाग या बुलबुले आने के कारण सामान्य या किसी बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं। अगर आपको कभी-कभार पेशाब में झाग (Foam in Urine) दिखता है तो बहुत टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं है। ज्यादातर ये शरीर में पानी की कमी (Dehydration) की वजह से होता है। लेकिन अगर पेशाब में बुलबुले बनना लगातार कई दिनों तक हो रहा है तो ये किसी रोग की वजह से हो सकता है। पेशाब में झाग आने के 7 कारण और लक्षण – Causes of Foamy urine in hindi कई बार पेशाब में झाग बनने के सामान्य कारण होते हैं। ये कारण कोई रोग नहीं है और अपने आप ठीक भी हो जाते हैं। लेकिन कुछ ऐसी बीमारियाँ होती हैं जिसकी वजह से पेशाब में फ़ोम बनने लगता है। आगे हम दोनों तरह के लक्षणों के बारे में जानेंगे। 1) तेजी से पेशाब करना –कई बार बहुत प्रेशर से या तेजी से पेशाब करने से टॉयलेट में झाग बन जाता है। यह झाग तुरंत ही खत्म हो जाता है, ये कोई चिंता की बात नहीं है। कभी-कभी टॉयलेट की सफाई में प्रयोग हुआ लिक्विड (Cleaning chemical) पड़ा रह जाता है जोकि पेशाब करने पर झाग सा बना देता है। यह झाग फ्लश करने के बाद खत्म हो जाता है।2) गर्भावस्था (Pregnancy) –गर्भावस्था में किसी-किसी महिला की किडनी बढ़ जाती है जिससे Urine में बुलबुले आने लगते हैं. गर्भावस्था में महिलाओं की किडनियों को अधिक मात्रा में अमीनो एसिड फिल्टर करने पड़ते हैं. जब Amino Acid की मात्रा रीनल ट्यूब्यूल्स की क्षमता से अधिक हो जाती है तो वे पेशाब के रास्ते बाहर आ जाते हैं और पेशाब में Foam दिखने लगता है.3) हल्का डिहाईड्रेशन (Dehydration) –डिहाईड्रेशन यानि बॉडी में पानी कम होने से भी पेशाब में झाग उठने लगता है. शरीर में पानी की कमी हो जाने से पेशाब गाढ़ा और बुलबुलेदार हो जाता है.Diabetes के मरीज में Dehydration का रिस्क अधिक होता है इसलिए उन्हें सामान्य लोगों की तुलना में पेशाब में झाग अधिक दिख सकता है. इसके लिए हर 2-3 घंटे में पानी पियें, प्यासे न रहें। जब शरीर में पानी की कमी दूर हो जाएगी तो यह दिक्कत ठीक हो जाती है। रोग के कारण पेशाब में झाग आना – Bubbles in urine causes in hindi अब हम कुछ ऐसी कन्डिशन के बारे में जानेंगे जिसमें अगर पेशाब में बुलबुले या झाग बनते हैं तो आपको लापरवाही नहीं करनी चाहिए। 4) किडनी रोग की वजह से –मूत्र में लगातार झाग बनना किडनी की किसी खराबी या बीमारी का लक्षण भी हो सकता है इसलिए डॉक्टर को सभी लक्षण जल्द बता देने चाहिए.Peshab mein jhag ka aana5) पेशाब में प्रोटीन आना (Proteinuria) –इस बीमारी में भी पेशाब में झाग बनने लगता है। पेशाब में Albumin जैसे प्रोटीन निकलने से यह प्रोटीन हवा से रिएक्शन करके मूत्र में झाग बना देता है। अगर पेशाब में लगातार झाग आने के साथ ही ये लक्षण भी दिख रहे हो तो तुरंत Doctor से सलाह लें :- हाथ, पैर, पेट और चेहरे में सूजन आना थकान लगना भूख न लगना जी मिचलाना, उलटी आना सोने में दिक्कत होना गाढ़ा या धुंधला रंग का पेशाब होना आमतौर पर जब खून किडनियों से होकर गुज़रता है तो स्वस्थ किडनियां सभी प्रकार के Waste product को बॉडी से बाहर कर देती हैं और केवल उसी प्रोडक्ट को खून में रहने देती हैं जो शरीर के लिए ज़रूरी हैं.लेकिन किडनी की बीमारी के शिकार लोगों में किडनी का एक भाग ग्लोमेरूलाई (Glomeruli) काम करना बंद कर देता है जिससे पेशाब में प्रोटीन का आना बढ़ जाता है.प्रोटीन की वजह से मूत्र में झाग आने का इलाज – इस अवस्था में उस आदमी को भोजन से प्रोटीन की खुराक लेना तत्काल बंद कर देना चाहिए और पेशाब में प्रोटीन के होने का इलाज डॉक्टर (Urologist) से करवाना चाहिए.इसके अलावा जब स्वस्थ शरीर को बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन की खुराक मिलती है तो वह उसे पेशाब के रास्ते बाहर निकालने लगता है. किडनियों को यह काम करने में बहुत समस्या हो सकती है और पेशाब में झाग दिखने का यह भी असामान्य लक्षण है.बहुत ज्यादा मछली या प्रोटीन युक्त भोजन लेने से भी शरीर में प्रोटीन की मात्रा बढ़ सकती है. प्रोटीन ड्रिंक्स और बॉडी बिल्डिंग के लिए पिए जानेवाले ड्रिंक्स में प्रोटीन की बहुत अधिक मात्रा होती है. 6) पेशाब के रास्ते में इन्फेक्शन (Urinary Tract Infections) –Urine Infection के कारण भी यूरिन में झाग दिखता है. मूत्र मार्ग के इन्फेक्शन में व्यक्ति को पेशाब करते समय दर्द या जलन भी हो सकती है.इस दशा में इन्फेक्शन के बैक्टीरिया पेशाब के मार्ग में गैस रिलीज़ करते हैं जिससे बुलबुले उठने लगते हैं. पेशाब की जांच के बाद यूरीन इन्फेक्शन के लिए Antibiotic दवाएं लेने पर इस रोग का इलाज हो जाता है.7) वेसीकोकोलिक फिश्चुला (Vesicocolic Fistula) –फिश्चुला एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है जिसमें दो अंगों के बीच किसी गड़बड़ी के कारण खून की नसों का कनेक्शन बन जाता है. यूरीन के ब्लैडर और आंत के बीच बने कनेक्शन को वेसीकोकोलिक फिश्चुला कहते हैं.यह रोग पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा 3 गुना अधिक देखने में आती है. इसके कारण से पेशाब में झाग आने की समस्या का पता Doctor जांच के द्वारा कर सकते हैं.बाल वनिता महिला आश्रमइस जानकारी को Whatsapp, Facebook पर अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें जिससे वो भी इसे पढ़ सकें. किडनी का काम है ? किडनी खराब करने वाली ये 10 आदतें छोड़ देंहमारे बॉडी में लिवर इतना जरूरी क्यों है ?पानी कम पीने से होने वाली 13 बीमारियाँ जरूर जानेसर्जरी से पहले रोगी को खाने-पीने से मना क्यों करते हैंतांबे के बर्तन से पानी पीने के जबर्दस्त 21 फायदेज्यादा नमक खाने से बॉडी को क्या नुकसान होता है

पेशाब में झाग आने के 7 कारण, लक्षण By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब क्या आपके पेशाब (यूरिन) में झाग आता है ? आपने देखा होगा कि कभी-कभी झागदार पेशाब (Foamy Urine) होने लगती है. पेशाब में झाग या बुलबुले आने के कारण सामान्य या किसी बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं। अगर आपको कभी-कभार पेशाब में झाग (Foam in Urine) दिखता है तो बहुत टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं है। ज्यादातर ये शरीर में पानी की कमी (Dehydration) की वजह से होता है। लेकिन अगर पेशाब में बुलबुले बनना लगातार कई दिनों तक हो रहा है तो ये किसी रोग की वजह से हो सकता है।  पेशाब में झाग आने के 7 कारण और लक्षण – Causes of Foamy urine in hindi  कई बार पेशाब में झाग बनने के सामान्य कारण होते हैं। ये कारण कोई रोग नहीं है और अपने आप ठीक भी हो जाते हैं। लेकिन कुछ ऐसी बीमारियाँ होती हैं जिसकी वजह से पेशाब में फ़ोम बनने लगता है। आगे हम दोनों तरह के लक्षणों के बारे में जानेंगे।  1) तेजी से पेशाब करना – कई बार बहुत प्रेशर से या तेजी से पेशाब करने से टॉयलेट में झाग बन जाता है। यह झाग तुरंत ही खत्म हो जाता है, ये कोई चिंता की बात नहीं है। कभी-कभी टॉयलेट क

What does the three-word idiom of Dhaka mean? How did it originate?By social worker Vanita Kasani Punjab"Dhaka's Teen Patta" refers to Dhaka, Palash flower and Pat, leaf.As this saying goes, "Three of Dhaka

ढाक के तीन पात मुहावरे का क्या अर्थ है? इसकी उत्पत्ति कैसे हुई? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब "ढाक के तीन पात' में ढाक, पलाश के फूल को और पात, पत्ता को कहा गया है। जैसा कि यह कहावत है, "ढाक के तीन पात" इसका मतलब है:- हमेशा एक जैसी दशा में रहना। एक जैसी स्थिति जिसमें कोई बदलाव नहीं होना। पहले मैं इस वाक्य का मतलब स्पष्ट करती हूँ। ढाक, पलाश का एक वृक्ष होता है, जो उत्तर भारत के गाँवों में पाया जाता है। अब जंगलों के कटने के कारण इसकी संख्या न के बराबर हो गयी है। पलाश के फूल लाल रंग के खूबसूरत फूल होते हैं, जिससे प्राकृतिक लाल रंग बनाया जाता है । "ढाक के तीन पात कहावत" इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ढाक के पेड़ के पत्ते ही सिर्फ “तीन की संख्या में एक साथ" होते हैं। किसी भी टहनी पर न चार पत्ते होते हैं और न ही दो। नीचे की तस्वीर में आप देख सकते हैं। अब यह कहावत कैसे बनी, “ढाक के तीन पात” मैंं यह बताना चाहूँगी। जब भी ढाक के पेड़ में पत्ते उगते थे, तो गहरे हरे रंग के होते थे। यह छतरी के आकार में बढ़ते थे; जो शीतल वृक्ष कहलाते थे। लेकिन जब भी पेड़ पर फूल खिलन